क्राइम थ्रिलर उपन्यास लिखने वाले अमित खान का नया उपन्यास प्रतिलिपि पेपरबैक्स से प्रकाशित हुआ है। यह उपन्यास अमित खान के मशूहर पात्र कमांडर करण सक्सेना के नए मिशन पर है। 'करण सक्सेना सीरीज़' में उन्होंने 58 उपन्यास लिखे हैं। इस सीरीज़ को स्पॉटीफाई पर बहुत चर्चा मिली है। कमांडर करण सक्सेना को अपनी आवाज़ दी है सुपरस्टार सोनू सूद ने। इसपर वेब सीरीज़ भी बनने जा रही है। अमित खान के उपन्यास पर एकता कपूर ने 'बिच्छू का खेल' जैसी बेहद चर्चित वेब सीरीज़ भी बनाई। अमित खान के उपन्यासों पर वेब सीरीज़ और फिल्म बन रही हैं।
'क़ैदी' उपन्यास शुरु से ही फिल्म की तरह है। अमित खान की विशेषता यह है कि उनके नॉवेल ऐसे अंदाज़ से लिखे जाते हैं कि पाठक उन्हें तेजी से पढ़ता जाता है, जैसे सबकुछ सामने चल रहा हो। कमांडर करण सक्सेना को चीन में फंसे एक भारतीय डॉक्टर को भारत लाने का जिम्मा सौंपा जाता है। सबसे पहले तो उसका नाम ही पता लगाना बहुत पेचीदा काम है। उसके लिए उन्हें अरविंद पांडे नाम के एक रॉ एजेंट को तलाश करना है, जो चीनियों की कैद में है। उसे तरह-तरह से टॉर्चर किया जा रहा है। वह भारतीय डॉक्टर का नाम जानता है।
सबसे मजेदार यह पढ़ना होगा कि डॉक्टर चीन में क्या कर रहा है? अरविंद पांडे चीन कैसे पहुँचा और उसे कैसे उस डॉक्टर के बारे में पता है?
इस उपन्यास में एक ऐसा शख्स भी जिसके बिना कमांडर करण सक्सेना अपने मिशन को अंजाम नहीं दे सकता। उसे सब नीलकंठ के नाम से पुकारते हैं। वह जहर से भरा हुआ इंसान है। उसके शरीर में ज़हर दौड़ता है। यह अंश देखिए -'नीलकंठ ऐसा किरदार है, जिसके शरीर में बेशुमार ज़हर भरा हुआ है। अगर नीलकंठ किसी व्यक्ति को अपने दांतों से काट ले, तो उसकी मौत लाजिमी है। ज़हरीले साँप का काटा हुआ व्यक्ति एक बार बच सकता है, परंतु नीलकंठ का काटा हुआ कभी नहीं बचता।'
हैरान करने वाली बात यह है कि नीलकंठ भी चीन में रह रहा था। वह वहाँ रहकर भाड़े पर हत्यायें करता था, और चीन की राजनीति में उसकी अच्छी खासी घुसपैठ हो गयी थी।
नीलकंठ के पीछे की कहानी भी बेहद रोचक है, जिसे अमित खान ने बहुत ढंग से प्रस्तुत किया है।
उसके गैंग के सदस्य एक से बढ़कर एक हैं। हर कोई अपने काम में एक्सपर्ट है।
अरविंद पांडे को रेस्क्यू करने के लिए जिस तरह प्लान बनाया जाता है। जब वो मिशन फेल हो जाता है, उसे पढ़ना बिल्कुल फिल्म देखने की तरह है। उसी तरह दूसरी बार जब उनका मिशन सफल हो जाता है, उसे पढ़ना भी बेहद रोचक है।
कमांडर करण सक्सेना को बेखौफ, सूझबूझ बाला और चौकन्ना इंसान दिखाया गया है। वह जो मिशन अपने हाथ में लेता है, उसे पूरा करके ही छोड़ता है।
अमित खान ने हर दृश्य को बड़े ही शानदार अंदाज़ में प्रस्तुत किया है। उनका यह उपन्यास देशभक्ति का जज़्बा भी पैदा करता है। यह भी दिखाने की कोशिश की है कि किस तरह कुछ भारतीय अपने वतन को छोड़कर विदेशी धरती पर जाते हैं। उनके पास प्रतिभा है जिसका इस्तेमाल दूसरे देश करते हैं। जब उनपर मुसीबत आती है तो उन्हें अपना घर याद आता है।
प्रतिलिपि पैपरबैक्स ने अमित खान के दो उपन्यास प्रकाशित किए हैं -'क़ैदी' और 'नाइट क्लब'। नाइट क्लब भी थ्रिल और सस्पेंस से भरा हुआ उपन्यास है। यह उपन्यास प्रतिलिपि ऐप पर 19 लाख से अधिक बार पढ़ा गया है। यह भी जल्द वेब सीरीज़ में सामने आ रहा है।
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क़ैदी (कमांडर करण सक्सेना सीरीज़)
लेखक : अमित खान
पृष्ठ : 184
प्रकाशक : प्रतिलिपि पेपरबैक्स
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