नई किताबें : तकनीक, राजनीति और कविता

नई किताबें : तकनीक, राजनीति और कविता

प्रभात प्रकाशन ने बेहद खास किताबें प्रकाशित की हैं। इन किताबों में बालेन्दु शर्मा दाधीच की पुस्तक ‘तकनीक तेरे कितने आयाम’ और दीपक भोजवानी की पुस्तक ‘लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई क्षेत्र और भारत' शामिल है। इसके अलावा 'भारतीय परिप्रेक्ष्य', 'सावित्रीबाई फुले' तथा 'दूर नीड़ के पक्षी' भी बहुत पठनीय हैं।

तकनीक तेरे कितने आयाम / बालेन्दु शर्मा दाधीच

तकनीक तेरे कितने आयाम / बालेन्दु शर्मा दाधीच

क्या आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सुना है? जरूर सुना होगा, लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि वह क्‍या है तो क्या आप बता सकेंगे? यह पुस्तक पढ़िए और आत्मविश्वास के साथ न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बल्कि दर्जनों दूसरी आधुनिक तकनीकों को जानिए-समझिए।

प्रसिद्ध तकनीकविद्‌ बालेन्दु शर्मा दाधीच की यह पुस्तक प्रौद्योगिकी के नए, महत्त्वपूर्ण तथा अनूठे पहलुओं, अवधारणाओं तथा घटनाक्रमों से आम हिंदी पाठक को परिचित कराने के लिए लिखी गई है। इसकी भाषा विज्ञान और तकनीक पर लिखी जानेवाली दूसरी पुस्तकों की तरह दुरूह या जटिल नहीं है, बल्कि वैसी ही है, जैसी कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में बोलते-लिखते हैं। पुस्तक में उन नवीनतम तकनीकों का वर्णन है, जिनके बारे में अकसर हमारे मन में सवाल तो उठते हैं, लेकिन जवाब नहीं मिलते, जैसे-मेटावर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, 3डी प्रिंटिंग या हाइपरलूप। इसके अध्यायों को पढ़ते हुए आप स्वयं को एक सहज-सरल-सरस यात्रा पर पाएंगे और एक-एक कर तमाम अवधारणाओं से परिचित होते चले जाएँगे।

आप भले ही इसे अपने खाली समय का आनंद लेने के लिए पढ़ें, लेकिन कहीं-न-कहीं यह पुस्तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ आपका रिश्ता जोड़ती है और वही लेखक का उद्देश्य भी है। यह पुस्तक विद्यार्थियों और अन्वेषकों के साथ-साथ सामान्य पाठकों के लिए भी रुचिकर तथा उपयोगी है।

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सामाजिक क्रांति की वाहक सावित्रीबाई फुले / सुशीला कुमारी

सामाजिक क्रांति की वाहक सावित्रीबाई फुले / सुशीला कुमारी 

सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर देनेवाली महान् विभूति सावित्रीबाई फुले ने भारत में स्त्री शिक्षा का सूत्रपात करके मिसाल कायम की। वे भारत की प्रथम दलित महिला अध्यापिका व प्रधानाचार्या, कवयित्री और समाजसेविका थीं, जिनका लक्ष्य लड़कियों को शिक्षित करना रहा।

महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में जन्म लेनेवाली सावित्रीबाई फुले को ही पहले किसान स्कूल की स्थापना करने का श्रेय जाता है। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों के साथ उन्हें समाज में सही स्थान दिलवाने, विधवा विवाह करवाने, छुआछूत को मिटाने और कन्या शिशु की हत्या को रोकने हेतु प्रभावी पहल करते हुए उल्लेखनीय कार्य किए। अछूत और दलित समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने दलित लड़कियों को शिक्षित करने की मुहिम स्वयं स्कूल खोलकर सफल शुरुआत की और एक साल के अंदर अलग-अलग स्थान पर पाँच स्कूल खोल दिए। इस कार्य में उनका भरपूर सहयोग उनके क्रांतिकारी पति ज्योतिबा फुले ने दिया। प्लेग से ग्रसित बच्चों की सेवा करते हुए प्लेग से सावित्रीबाई की मृत्यु हो गई थी।

नारी का वर्तमान जीवन, शिक्षित, सभ्य और पुरुष के कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने का स्वरूप सावित्रीबाई के अनवरत संघर्षों और प्रयासों का ही सुपरिणाम है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक चेतना के संघर्ष को समर्पित कर दिया। भारत की महान् नारी सावित्रीबाई फुले के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से पाठकों को परिचित कराती उत्कृष्ट पुस्तक। 

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भारतीय परिप्रेक्ष्य / अनिल जोशी, राजेंद्र आर्य

भारतीय परिप्रेक्ष्य / अनिल जोशी, राजेंद्र आर्य

'संकल्प’ संस्था सिविल सेवा के विद्यार्थियों में सामाजिक प्रतिबद्धता और समाज-परिवर्तन का दृष्टिकोण और भाव जाग्रत कर रही है। यह उसकी तीन दशक से ज्यादा की साधना है। इसके सूत्रधार संतोष तनेजा हैं।

यह तथ्य प्राय: ज्ञात है, परंतु साथ ही संकल्प संस्था वैचारिक यज्ञ भी कर रही है। इसी कड़ी में वर्ष 2015 से ‘संकल्प व्याख्यानमाला’ प्रारंभ हुई। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक बोध के लेखकों, चिंतकों और विचारकों के माध्यम से देश के प्रबुद्ध समाज में विचारशील लोगों तक एक विमर्श (डिस्कोर्स ) और आख्यान (नैरेटिव) को स्थापित करना था।

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लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई क्षेत्र और भारत /  दीपक भोजवानी

लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई क्षेत्र और भारत /  दीपक भोजवानी 

लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई क्षेत्र के बारे में आम तौर पर भारत में कम जानकारी है। इस क्षेत्र में भारतीयों का अपेक्षाकृत प्रवास और संपर्क कम ही रहा है।

यह पुस्तक इस क्षेत्र और यहाँ के देशों की विशिष्टताओं से पाठकों को परिचित कराती है। प्रारंभिक अध्यायों में इस क्षेत्र के राजनीतिक विकास-क्रम तथा आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों की जानकारी दी गई है। बाद के अध्यायों में भारत के साथ इन देशों के राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों का विवेचन किया गया है।

तैंतीस देशों वाले इस क्षेत्र के देशों से मैत्री में भारत के लिए अनेक संभावनाएँ निहित हैं। इस पुस्तक से पाठकों को अनेक महत्त्वपूर्ण अंतर्निहित पक्षों की भी जानकारी मिलती है। लेखक ने इस क्षेत्र के देशों से संबंधों की चुनौतियों और संभावनाओं का आकलन करते हुए, अधिक प्रभावी तथा सार्थक संबंधों की दिशा दिखाई है।

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लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई क्षेत्र और भारत /  दीपक भोजवानी

दूर नीड़ के पक्षी / जय प्रकाश पांडेय

‘दूर नीड़ के पक्षी' जय प्रकाश पांडेय का प्रथम कहानी-संग्रह है, जिसमें पच्चीस कहानियाँ संकलित हैं। सभी कहानियों का विषय पृथक्‌-पृथक्‌ है। इन कहानियों में लेखक ने हिंदी साहित्य के कुछ अनछुए विषयों को चुना है। कहानी-संग्रह की सभी कहानियों में समाज और व्यक्ति के बीच हिचकोले खाता जीवन अपने विविध रूपों और अनेकानेक विरोधाभासों में रूपायित हुआ है।

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