प्रभात प्रकाशन ने दो खास किताबें प्रकाशित की हैं। इनमें लियो टॉल्सटॉय की पुस्तक 'सदियों का सयानापन' और एक लघुकथा संकलन 'जीवन की भेंट' प्रकाशित की गई है। दोनों पुस्तकों में नए सिरे से चरित्र निर्माण पर जोर दिया गया है।
सदियों का सयानापन
यह महान् रूसी उपन्यासकार टॉल्सटॉय का अंतिम सृजन था। उनका स्वप्न था ऐसी पुस्तक की रचना करना, जिसमें सदियों के सयानेपन का संकलन हो। सभी लेखक यह मानते हैं कि कोई एक ऐसी पुस्तक है, जिसे विश्व में लाने के लिए केवल वे ही पैदा हुए हैं। लियो टॉलस्टॉय के लिए यह वही पुस्तक थी। जीवन के अंतिम वर्षों में रचित इस पुस्तक को टॉलस्टॉय मानवता को अपना सबसे महत्त्वपूर्ण प्रदान मानते थे।
संपादन : लियो टॉल्सटॉय
हिंदी भावानुवाद-प्रस्तुति : संजीव शाह
हिंदी अनुवाद : वीरेंद्रनारायण सिंह
किताब लिंक : https://amzn.to/3t0WLxq
जीवन की भेंट
कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं होतीं, कहानियों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, परंतु सभी पाठक कहानी-पठन से ऐसा लाभ नहीं उठा पाते। तो फिर वाकई में कहानियाँ किस तरह पढ़नी चाहिए?
यह संकलन अभिनव, प्रेरणादायी लघुकथाओं का संग्रह है।
पुनर्कथन-संकलन : संजीव शाह
हिंदी अनुवाद : वीरेंद्रनारायण सिंह
किताब लिंक : https://amzn.to/3eVzEMI