बिहार के 25 महानायक

बिहार के 25 महानायक

इस पुस्तक में पद्मश्री सीता देवी, पद्मश्री जगदंबा देवी, मास्टर जगदीश, दशरथ माँझी, बाबा चौहरमल, संथाल नेता सिदो, डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा, आचार्य शिवपूजन सहाय, गोपाल सिंह नेपाली, लोक-कवि भिखारी ठाकुर, बाबू जगजीवन राम, महान् गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, वीर कुँवर सिंह, कर्पूरी ठाकुर, जगदेव प्रसाद, मौलाना मजहरुल हक, बलिदानी नायक पीर अली खान आदि विस्तार से चर्चा की गई है।

किशोरावस्था में ही मुझे किताबें पढ़ने का चस्का लग गया था। यह चस्का खुद-ब-खुद लगा था, कोई प्रेरित करनेवाला नहीं था। उन दिनों ‘नंदन’, ‘चंपक’, ‘पराग’ और ‘चंदामामा’ जैसी बाल-पत्रिकाएँ मेरे आकर्षण का केंद्र रहा करती थीं। उन पत्रिकाओं में बाल-कहानियों और पंचतंत्र की कथाओं के साथ-साथ महापुरुषों की जीवनियों को बड़े चाव से पढ़ा करता था। वाल्टेयर, रूसो, लेनिन और महात्मा गांधी से लेकर जयप्रकाश नारायण तक की जीवनियों से उसी दौरान मेरा परिचय हुआ था। पर साहित्य-प्रेम का अंकुर फूटने के बाद मात्र इतने से ही संतुष्ट होनेवाला नहीं था, सो उसने अपनी जड़ें फैलाने और फलने-फूलने के लिए इधर-उधर हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया। ‘दिनमान’, ‘धर्मयुग’ एवं ‘सारिका’ जैसी पत्रिकाओं में जब कोई विचारोत्तेजक लेख या कहानी छपती तो उस पर अपनी प्रतिक्रिया लिखकर वहाँ जरूर भेजता। इसी क्रम में संपादक के नाम से लिखी गई मेरी कई चिट्टियाँ पुरस्कृत भी हुई थीं। उस दौर में इन पत्रिकाओं में ‘संपादक के नाम पत्र’ कॉलम में एक चिट्ठी छप जाने से लोग मशहूर हो जाया करते थे।

बाद के वर्षों में ‘दिनमान’, ‘धर्मयुग’, ‘कादंबिनी’ और ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ जैसे पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक विषयों पर लिखे मेरे लेख छपने लगे। मेरे लेखन की शुरुआत राजनीतिक और सामाजिक विषयों पर टिप्पणियों से हुई। बाद में लोकतांत्रिक समाजवाद को घटित करनेवाले नायकों ने मुझे आकृष्ट किया। सबसे पहले जगदेव प्रसाद, फिर कर्पूरी ठाकुर एवं जयप्रकाश नारायण और बाद में भिखारी ठाकुर, वी.पी. सिंह और डॉ. आंबेडकर की जीवनियाँ लिखीं। समय-समय पर कई अन्य महापुरुषों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भी लिखता रहा हूँ, जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित होते रहे हैं।

बिहार में महापुरुषों की एक लंबी परंपरा है। इसमें महात्मा बुद्ध और भगवान् महावीर से लेकर कर्पूरी ठाकुर तक आते हैं। लेकिन उनमें से बहुत से लोग विस्मृत हो रहे हैं। कई लोग तो ऐसे रहे हैं, जिन्होंने आधुनिक बिहार के नवनिर्माण में अपना पूरा जीवन खपा दिया, लेकिन उनके संबंध में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। इसलिए मैंने प्रस्तुत पुस्तक में आधुनिक बिहार के उन भूले-बिसरे चरित्र-नायकों को चुना है, जिन्होंने अपनी चेतना की मशाल से न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे भारतवर्ष को रोशनी दी है। इस पुस्तक में सारगर्भित ढंग से आधुनिक बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से 25 महापुरुषों की जीवनी को शामिल किया गया है। उनमें स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, समाज-सुधारक और क्रांतिकारियों के साथ-साथ गणितज्ञ, कवि और कलाकार भी शामिल हैं। इन सभी ने अपने-अपने ढंग से जीवन के संघर्षों का सामना किया और अपने कार्यों से दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत बनकर इतिहास की धारा को एक नया मोड़ दिया। उनमें संथाल नेता सिदो और कर्पूरी ठाकुर से लेकर दशरथ माँझी तक ऐसे लोग हैं, जिनके योगदान की चर्चा के बगैर आधुनिक बिहार की कल्पना नहीं की जा सकती। वर्तमान बिहार को रचने-गढ़ने और इसको विकसित करने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उनका जीवनवृत्त आज भी हमें प्रेरणा देता है। इन 25 असाधारण जीवनियों के माध्यम से आधुनिक बिहार की कहानी को सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से सुनाने का मेरा प्रयास है।

मेरे जीवन में दो भूमिकाएँ समानांतर चलती हैं। एक भूमिका में मैं बिहार सरकार में राजपत्रित पदाधिकारी हूँ। मेरी दूसरी भूमिका एक साहित्यकार, कवि, लेखक और लोकतांत्रिक व्यक्तियों के जीवनी लेखक, यानी अपने समकाल के इतिहासकार की है। लेखन मेरा ‘विजन’ और ‘मिशन’ दोनों रहा है। मेरा मानना है कि सरकारी सेवा तथा साहित्य, दोनों के केंद्र में समाज और मनुष्य होता है। आज की युवा पीढ़ी अपने नायकों के अवदान और उनकी प्रेरणाओं से अनभिज्ञ है। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी वर्तमान और आनेवाली पीढ़ियों के बीच अपने नायकों के मूल्यों व आदर्शों का संचार करें, ताकि अपने देश एवं राज्य के नवनिर्माण में भाग लेने की उन्हें एक सच्ची और जीवित प्रेरणा मिल सके। ऐसी प्रेरणा के अभाव में किसी भी राज्य या देश का विकास नहीं हो सकता। इसी उद्देश्य से मैंने आधुनिक बिहार के 25 महापुरुषों के जीवन-परिचयों को सीमित पृष्ठों में असीमित जानकारी के साथ प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक उन सबको जरूर पढ़ना चाहिए, जिनकी रुचि आधुनिक बिहार के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास में है। मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार और महापुरुषों की जीवनी में रुचि रखनेवाले जिज्ञासु पाठकों के लिए यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।

-अशोक कुमार सिन्हा.

बिहार के 25 महानायक
लेखक : अशोक कुमार सिन्हा 
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
पृष्ठ : 232
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