ऊँची उड़ान के लिए हौसले की आवश्यकता है। सफलता को हासिल करने के लिए बहुत श्रम की आवश्यकता है। साथ ही प्रेरणा प्राप्त कर हम बहुत तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।
प्रभात प्रकाशन ने भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सुरेंद्र मोहन की पुस्तक 'हौसले की ऊँची उड़ान' शीर्षक से प्रकाशित की है। यह एक प्रेरणादायक पुस्तक है जो सफलता के उस मंत्र को हमसे साझा करती है जिसे जानकर कोई भी व्यक्ति अपना मुकाम हासिल कर सकता है।
बहुत ही सरल अंदाज में लिखी गयी यह किताब मोहन नाम के एक पात्र से रुबरु कराती है जो यूपीएसएसी परीक्षा पास करता है। उसकी मेहनत और उसका मजबूत हौसला उसे ऐसा करने को प्रेरित करता है। वह गरीबी में पला-बढ़ा है, उसने भूख से लड़ते लोगों को देखा है, उसने हर उस दर्द को झेला है जिसे गरीब परिवार झेलते हैं। मगर उसने अपने सपनों को नहीं मरने दिया। अपनी सोच को नहीं खत्म होने दिया। खुद को परिस्थितियों के बीच आत्मसमर्पण नहीं करने दिया। वह हवाओं से, चट्टानों से संघर्ष करता रहा और एक दिन ऐसा आया जब वह आईआरएस अधिकारी बन गया। वह अंधेरे को चीरता हुआ, उजाले भरी जिंदगी का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता है। उसकी उड़ान कैसी थी? किस तरह उसने जोखिम भरे रास्तों को पार किया? वह गिरा, उठा, गिरा, उठा और सफलता-असफलता का स्वाद चखते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचने में कामयाब भी हुआ। यह कहानी हिम्मत की है, यह कहानी जज़्बे की है और यह कहानी एक आम आदमी से खास बनने की भी है।
‘हौसले की ऊँची उड़ान’ सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने की गौरवगाथा भर नहीं है, यह सलाम है उस जीवटता को, जो मनुष्य को सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ जीव बनाती है। यह वह दृढ़ता है, जो मनुष्य को असाध्य चुनौती को साधने की प्रेरणा और हिम्मत देती है।
इस पुस्तक को पढ़कर बीच में कई दृश्य ऐसे भी आएंगे जब आप अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाएंगे, भावुक हो जाएंगे। लेखक सुरेंद्र मोहन ने समाज के कई चेहरों को हमारे सामने प्रस्तुत किया है-कुछ मुखौटा लगाए हुए थे, कुछ मददगार साबित हुए। यह कहानी लेखक की अपनी कहानी-सी लगती है। कुल मिलाकर यह बेहद रोचक और प्रेरणादायक पुस्तक है जिसे युवाओं को जरुर पढ़ना चाहिए तथा जीवन की जो सीखें इस किताब में दी गयी हैं उन्हें अपनाकर जागरुक होना चाहिए।
सिविल सर्विसेज एक कठिन और रपटीली सड़क है, जिसमें तेज भी चलना होता है और सँभलकर भी। गति और स्थायित्व पर नियंत्रण रखकर उनमें समन्वय कर पानेवाला उम्मीदवार ही फाइनल होती लिस्ट में अपना नाम देख पाता है।
हौसले की ऊँची उड़ान
लेखक : सुरेंद्र मोहन
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
पृष्ठ : 200
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