गोल्स : लक्ष्य पाने के कारगर तरीके

गोल्स : लक्ष्य पाने के कारगर तरीके

लक्ष्य के बिना जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है। जीवन में उद्देश्य से आदर्श, तर्क, विचार आदि का बोध होता है। यह जीवन को पूर्ण करता है।

प्रभात प्रकाशन ने ‘GOALS : Setting & Realisation’ का हिंदी अनुवाद प्रकाशित किया है। किताब का नाम है -गोल्स : आप सबकुछ पा सकते हैं। किताब के लेखक हैं चन्द्रलेखा मैत्रा। अनुवाद अंशुमन झा ने किया है।

किताब में लक्ष्य को पाने के लिए सरल तरीके बताए गए हैं, लेकिन यह उतना आसान भी नहीं है क्योंकि ऐसा करने के लिए कुछ जरुरी नियमों का पालन करना होगा। तभी सफलता प्राप्त हो सकती है।

लेखक ने लक्ष्य-प्राप्ति के लिए लक्ष्यों का निर्धारण करने पर चर्चा की है। किस तरह लक्ष्य निर्धारित किया जाए, उस तक पहुंचने के लिए क्या करना चाहिए तथा उसके लिए योजना बनाने की प्रक्रिया क्या होना चाहिए। इससे आगे की राह तैयार करने में मदद मिलती है।

लेखक ने इसके लिए अलग-अलग रणनीतियां बनाने की सलाह दी है। पहला लक्ष्य यदि स्कूल की पढ़ाई पूरा करने की योजना बनाना है, तो उसे पूरा करने के बाद अगले कदम पर गौर करना चाहिए। फिर अगले लक्ष्य की योजना पर काम करना चाहिए। साथ ही हमारे जीवन में शॉर्ट टर्म लक्ष्य और लॉन्ग टर्म लक्ष्य भी होते हैं जिनकी योजना बनाकर उन्हें हासिल किया जा सकता है।

गोल्स : लक्ष्य पाने के कारगर तरीके
लक्ष्य को पूरा करना एक महत्त्वपूर्ण कदम होता है। ऐसा करने से आपको संतुष्टि का अनुभव होगा, क्योंकि आपकी योजना और आपके प्रयास काम कर रहे हैं और बदले में आपको उपलब्धि, सफलता एवं कार्य-संपन्नता मिलते हैं।

हमें अपनी क्षमता को पहचानना चाहिए और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उसका सही से प्रयोग करना चाहिए। हासिल करने के बाद संपूर्ण महसूस करना जीवन में सरल भाव से आगे बढ़ने को प्रेरित करता है।

लेखक ने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कुछ गुणों पर विस्तार से चर्चा की है। हमें बहिर्गामी होने के साथ-साथ हमेशा कुछ अधिक करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बहिर्मुखी व्यक्ति जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। बाधाओं से सामना हर किसी को करना पड़ता है। कुछ को कम और कुछ को ज्यादा। इसलिए चुनौतियों से सामना कर लक्ष्य की ओर बढ़ते कदमों को रोकना नहीं चाहिए। धैर्य की यहीं परीक्षा होती है। बहुत प्रयास और समय की आवश्यकता होती है। मजबूती से आलोचनाओं का सामना करना भी सीखना पड़ता है। खुद को मौसम के अनुकूल बनाकर ही आगे बढ़ा जा सकता है।

गोल्स
आपको अनेक प्रकार की परिस्थिति और परिवेश में अपने आपको ढालना पड़ेगा। फिर चाहे वह कॉलेज की डिग्री लेने की बात हो या अपने कार्यालय में आपका पहला दिन हो। अपने आपको खुले विचारोंवाला और लचीला बनाने की कोशिश कीजिए।
 
लेखक ने आसमान की ओर भी देखने की बात कही है। उसका कहना है कि यदि मन में दृढ़ विश्वास है तो सबकुछ संभव है। हम कितने लक्ष्य निर्धारित करते हैं, यह हम पर निर्भर है। लक्ष्य ऐसे न हों कि हम उन तक कभी पहुंच न सकें। इसलिए लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही किसी भी योजना पर काम करना उचित है।

लक्ष्य के लिए विश्वास और श्रद्धा का होना आवश्यक है। लेखक कहता है कि किसी भी व्यक्ति का प्रमुख विश्वास ही उसका आदर्श होता है। बाधाओं को आर-पार स्पष्ट रुप से देखने के लिए नैतिकता और नीति की जरुरत पड़ती है।
 
बीती भूलों का अफसोस करने से भी प्राय: लोग लक्ष्य से भटक जाते हैं। जबकि आगे बढ़ना ही लक्ष्य को प्राप्त करना है। पीछे मुड़कर देखना और दुखी होकर कभी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है।

गोल्स : लक्ष्य पाने के कारगर तरीके
जो भी व्यक्ति अपने जीवन की गहराइयों में झांककर चिंतन करता है, वह जानता है कि उसे अभी कई लक्ष्य हासिल करने हैं। लक्ष्य-प्राप्ति आपका परम मित्र भी हो सकता है और सबसे कटु शत्रु भी।

पुस्तक में लेखक बीच-बीच में उदाहरण देते हुए अपनी बात को विस्तार देते हैं। उन्होंने अपने निजि अनुभव के आधार पर तथा अपने आसपास के लोगों को ध्यान में रखकर यह किताब लिखी है।

चन्द्रलेखा मैत्रा ने कुछ मुख्य बिन्दू बताए हैं जिन्हें जानकर लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी हो सकती है : आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना, बहिर्गामी रहना, सकारात्मक मनोदशा, नया सीखने की उत्सुकता, हमेशा ऊर्जावान रहना, सचेत रहना, समय प्रबंधन आदि। 

गोल्स : लक्ष्य पाने के कारगर तरीके
लक्ष्य हमारे भविष्य की ओर बढ़ते हुए कदम होते हैं। ये लंबे व संकरे हो सकते हैं और कभी-कभी तो ये इतना कठिन हो जाते हैं कि भविष्य पर ध्यान केंन्द्रित कर पाना मुश्किल हो जाता है; मगर आपको हार नहीं माननी है। आपका भविष्य बहुत महत्त्वपूर्ण है।

लेखक का मानना है कि किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत ऊर्जा व्यय होती है। हमें अपनी ऊर्जा को बचाए रखना चाहिए। किताब कहती है : 'अपनी ऊर्जा को व्यर्थ की बातों या दूसरों से अपने जीवन की तुलना करने में नष्ट मत कीजिए। हो सकता है कि आपके पास बेहतर शिक्षा या नौकरी हो, मगर आखिरी आकलन में आप और उस व्यक्ति में कोई असमानता नहीं है। बड़ी तसवीर पर नजर रखिए और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए खुद को झोंक दीजिए।'

गोल्स : लक्ष्य पाने के कारगर तरीके
कई बार लोग लक्ष्य को हासिल करने से भटक जाते हैं। यदि राह से भटक कर योजना बनायी जाएगी तो राहें मुश्किल हो सकती हैं। इसलिए योजना को लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही बनाया जाना चाहिए। योजना से एक ढांचा तैयार होता है जिसकी वजह से हम लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। लेखक का मानना है कि प्रेरणा लक्ष्य को पाने के लिए प्रोत्साहन देती है। पुस्तक में प्रेरणा-वृद्धि के ​अलग-अलग चरणों पर चर्चा की गई है। लक्ष्य को पाने के लिए बैकअप योजना का भी इस किताब में जिक्र किया गया है।

कुल मिलाकर यह पुस्तक जीवन में बदलाव लाने की एक सार्थक कोशिश है। हम इसे पढ़कर लक्ष्य-प्राप्ति के कई कारगर तरीके विस्तारपूर्वक जान सकते हैं। उन्हें अपने जीवन में उतारकर मनचाहा लक्ष्य प्राप्त करने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

गोल्स
लेखक : चन्द्रलेखा मैत्रा
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
पृष्ठ : 184
किताब लिंक : https://amzn.to/3EbEBLS