Best Books : इन दिनों पढ़ें कुछ खास किताबें

इन दिनों पढ़ें कुछ खास किताबें

मंजुल पब्लिशिंग हाउस की ओर से कुछ बेहद खास किताबें प्रकाशित की गई हैं।

महान निवेशक वॉरेन बफ़ेट की पूर्व पुत्रवधु मैरी बफ़ेट द्वारा लिखित पुस्तक 'बफ़ेटोलॉजी' में उन्होंने बफ़ेट के निवेश के रहस्यों को उजागर किया है। डॉ. मृदुला दाढे-जोशी द्वारा लिखित पुस्तक 'रहें न रहे हम' में हिंदी फिल्म संगीत के अमर गीतों की दास्तान को दिलचस्प अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। देवदत्त पट्टनायक की नई किताब 'भारतवर्ष के 32 तीर्थ स्थल' राष्ट्र के निर्माण की तीन सहस्राब्दियों की यात्रा है। ईडिथ ईगर ने अपनी पुस्तक 'हर लम्हा एक उपहार' में मन के बंधनों से निकलने के 12 मार्ग बताए हैं।

बफ़ेटोलॉजी
बफ़ेटोलॉजी

निवेश जगत में वॉरेन ब़फेट का नाम सफलता और समृद्धि की पहचान है। शून्य से शुरू करते हुए ब़फेट ने समझदारी और सावधानी से शेयर चुनकर भारी दौलत कमाई, जिसके लिए वे आज मशहूर हैं। मैरी ब़फेट इस महान निवेशक माने जाने वाले जीनियस की पूर्व पुत्रवधू और सफल व्यवसायी हैं। उन्होंने ब़फेट के नामी अनुयायी डेविड क्लार्क के साथ मिलकर यह पुस्तक लिखी है, जो अपने क़िस्म की अनूठी मार्गदर्शिका है, और इसमें इस कुशल निवेशक की विजेता बनाने वाली रणनीतियों को उजागर किया गया है।

इस पुस्तक के जरिए जानिए कि ब़फेट संसार के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक कैसे बनें। सदा लाभदायक रहने वाले शेयर चुनने में ब़फेट के निवेश के आज़माये हुए तरी़के का इस्तेमाल कैसे करें। उन सरल गणितीय समीकरणों में माहिर बनें, जिनकी मदद से ब़फेट निवेश करते हैं। उन कंपनियों के बारे में जानें जिनमें ब़फेट रुचि लेते हैं और सीखें कि भविष्य में अपने निवेश चुनते समय आप इस जानकारी का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं 54 ‘ब़फेट कंपनियों’ की जानकारी के साथ (ऐसी कंपनियाँ जिनमें ब़फेट ने निवेश किया है और फ़ायदा कमाया है)।

यह पुस्तक किसी को भी लाभदायक पोर्टफ़ोलियो बनाने की राह दिखा सकती है, चाहे वह निवेश के संसार में नया हो या माहिर निवेशक हो।

लेखक : मैरी बफ़ेट और डेविड क्लार्क

अनुवाद : सुधीर दीक्षित

किताब का लिंक : https://amzn.to/3CxSV0P

रहें न रहे हम
रहें न रहे हम

हिंदी फ़िल्म संगीत की मर्मज्ञ डॉ. मृदुला दाढे-जोशी द्वारा लिखित इस रोचक पुस्तक में जानिए – हिंदी फ़िल्में और फ़िल्म संगीत का सुनहरा दौर कैसा था। इस कालखंड में किन-किन संगीतकारों ने सुनहरे अक्षरों में अपना नाम लिखा है। हर संगीतकार का वाद्य प्रयोग करने का तरीका अलग कैसे था, उनकी क्या विशेषताएँ थीं और उनके अजर-अमर गीत कौन से हैं, उन गीतों की धुनों की तथा वाद्य संयोजन की क्या विशेषताएँ हैं, गीत में प्रयुक्त पद्धतियों और नए प्रयोगों का क्या महत्त्व है, इन गीतों के किन अंशों को हृदयग्राही कहा जा सकता है वर्षों पुराने ये गीत श्रोताओं पर जादू कैसे कर सकते।

लेखक : डॉ. मृदुला दाढे-जोशी
अनुवाद : चित्रा पिंपले
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हर लम्हा एक उपहार
हर लम्हा एक उपहार

जानी-मानी चिकित्सक और विश्व-युद्ध के नरसंहार में जीवित बचीं डॉ. ईडिथ ईगर हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं जो हमें ऐसे विचारों और विनाशकारी व्यवहार को बदलने के लिए प्रोत्साहित करता है जो हमें सकारात्मक दिशा में जाने से रोक रहे हैं। ईगर अपनी ज़िंदगी और अपने मरीज़ों के जीवन से संबंधित कहानियों के प्रभावशाली हिदायतों द्बारा आपके जीवन के अंधेरे पलों को एक महान शिक्षक के रूप में अपनाने तथा हमारी अंतर्निहित ताक़त से मिलने वाली आज़ादी पाने में मदद करती हैं।

लेखक : डॉ. ईडिथ ईगर
अनुवाद : यामिनी रामपल्लीवार
किताब का लिंक : https://amzn.to/3jSLud3

भारतवर्ष के 32 तीर्थ स्थल
भारतवर्ष के 32 तीर्थ स्थल

राष्ट्रवादियों तथा देशभक्तों से पूर्व, उपनिवेशवादियों और आक्रमणकारियों से पूर्व, और सम्राटों व राजाओं से पूर्व, भारत तीर्थ मार्गों से आपस में जुड़ा था। जिज्ञासु और ॠषि-मुनि अप्राकृतिक सीमाओं की उपेक्षा करते हुए, ईश्वर की चाह और खोज में उत्तर और दक्षिण, पूर्व और पश्चिम, पर्वतों से परे, नदियों के साथ-साथ यात्राएँ किया करते थे।

विख्यात पौराणिक कथा विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक हमें 32 पवित्र स्थलों की अंतर्द़ृष्टि से भरपूर यात्रा पर ले जाते हैं, जहाँ प्राचीन और आधुनिक इष्ट उस भूमि के जटिल और परतदार इतिहास, भूगोल और कल्पना को प्रकट करते हैं, जिसे कभी ‘भारतीय फल काली अंची के द्वीप’ (जंबूद्वीप), ‘नदियों की भूमि’ (संस्कृत में सिंधुस्थल अथवा फ़ारसी में हिंदुस्तान), ‘राजा भरत का विस्तार’ (भारतवर्ष अथवा भारतखंड) और यहाँ तक कि ‘सुख के धाम’ (चीनियों के लिए सुखावती) के नाम से जाना जाता था।

लेखक : देवदत्त पट्टनायक
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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