Best Books : कुछ नया, कुछ अलग पढ़ें

Best Books : कुछ नया, कुछ अलग पढ़ें
प्रभात प्रकाशन ने हाल में कुछ ऐसी किताबें प्रकाशित की हैं जो समाज को नई राह, नई सोच और नया प्रवाह प्रदान करती हैं। आध्यात्मिक और भावनात्मक यात्रा पर ले जानी वाली कुछ ख़ास किताबें।

मिश्री

मिश्री

'मिश्री’ के किरदार उसी प्राचीन धार्मिक नगरी वृंदावन की रज (मिट्टी) में खेल-कूदकर बडे़ हुए हैं, जहाँ की असंख्य लीलाएँ और कहानियाँ दुनिया भर में सुनी-सुनाई जाती हैं। सँकरी गलियों से निकली कहानी के पात्र खुद को सात समंदर पार भी ले जाते हैं। कहानी में वृंदावन के सभी चटख रंग भी दिखेंगे और परंपरा, आस्था के अनोखे ढंग भी। यही कारण हैं ‘मिश्री’ के किरदार करीब से देखने में अपने और जाने-पहचाने से लगेंगे। ऐतिहासिक कहानियाँ जो हमारे चिंतन में या चेतन में कहीं दबी होती हैं, अकसर नए किरदारों, बदलते परिवेश में नए रूप में सामने आती हैं। ‘मिश्री’ में एक आधुनिक नारी का एकतरफा समर्पण दिखेगा। उसने एक पात्र के तौर पर दमदार पहचान बनाई, लेकिन खुद के लिए तो बिलकुल नहीं। एक अदृश्य प्रेम जिसका मकसद कुछ पाना नहीं बल्कि खो देना है। कहानी के अंत में ‘मिश्री’ सभी पात्रों और लेखक को भी यह अहसास कराने में सफल है कि इस कहानी की पहचान तो उसके नाम से ही है।

लेखक : अनूप वाजपेयी
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
किताब का लिंक : https://amzn.to/3kfw7L8

जिंदगी के 78 कोहिनूर

जिंदगी के 78 कोहिनूर

जीवन में होने वाली घटनाएँ हमेशा हमें कुछ-न-कुछ सिखाकर हमारा ज्ञान, अच्छाई और तजुर्बा बढ़ाती हैं। जीवन में कभी-कभी अच्छाई के लिए मनुष्य को कुछ-न-कुछ त्याग करना पड़ता है। जीवन में अच्छाई की यह शिक्षा इनसान को प्रकृति से मिली है। प्रकृति के प्रत्येक कार्य में सदैव भलाई की भावना निहित दिखाई पड़ती है। नदियाँ अपना जल स्वयं न पीकर दूसरों की प्यास बुझाती हैं। वृक्ष अपने फल दूसरों को अर्पित करते हैं। बादल पानी बरसाकर धरती की प्यास बुझाते हैं। सूर्य तथा चंद्र भी अपने प्रकाश को दूसरों में बाँट देते हैं। इसी प्रकार अच्छे इनसान का जीवन भलाई में ही लगा रहता है। जीवन में हर इनसान छोटे-छोटे कार्य करके अनेक प्रकार की अच्छाई संसार में कर सकता है। भूखे को रोटी खिलाकर, अशिक्षितों को शिक्षा देकर, जरूरतमंद को दान देकर, प्यासे को पानी पिलाकर व अबलाओं तथा कमजोरों की रक्षा कर अच्छाई की जा सकती है।

भारत के सांस्कृतिक एवं धार्मिक इतिहास से गहरे लगाव के कारण कोरोना काल में फुर्सत के पलों में तैयार पुस्तक ‘जिंदगी के 78 कोहिनूर’ में घटनाओं और प्राप्त अनुभवों के आधार पर जिंदगी की वास्तविकता को जैसा लेखक ने समझा है, उन्हें दृढ़ संकल्प, साफ नीयत और अटल निष्ठा के साथ स्पष्ट करने का प्रयास किया है।

लेखक : मृत्युंजय कुमार सिंह
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
किताब का लिंक : https://amzn.to/3gnU41I

नचिकेत

नचिकेत

भारतीय संस्कृति एक ऐसी महान् संस्कृति है, जिसका दुनिया में कोई सानी है ही नहीं। हमारे वेद-उपनिषद् और भगवद्गीता ने मनुष्य को जन्म के साथ ही मृत्यु तक जो जीवन जीना है, उन सब चीजों के लिए अलग-अलग उपाय दिए हुए हैं।

इस पुस्तक के माध्यम से हमने एक प्रामाणिक प्रयत्न किया है कि आज की जो सामान्य या अहम समस्या है, पति-पत्नी के संबंध और माँ-बाप का पुत्र-पुत्री के साथ व्यवहार, जिसे हम संस्कारों की मूलभूत बात भी कह सकते हैं, उसको वेद-उपनिषद् की ही बातों को थोड़ा सरल करके सामान्य व्यक्ति समझ सके और उसका उपयोग करके अपने घर को ‘धन्यो गृहस्थाश्रम’ कर सके।

पुस्तक का नाम ‘नचिकेत’ इसलिए रखा गया है, क्योंकि हमारे वेद और उपनिषद् में नचिकेत पात्र को कई जगहों पर अंकित किया गया है, जो पात्र एक अद्भुत दैवी संतान की प्रतिकृति है, जिसको पढ़कर भी हमें ऐसा लगता है कि भगवान् हमारे घर पर ऐसी संतान को जन्म देना। ‘नचिकेत’ एक रूपक है-अद्भुत, अविस्मरणीय और असामान्य बालक का।

लेखक : संजय राय ‘शेरपुरिया’
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
किताब का लिंक : https://amzn.to/2Wgk47W

सुपर पर्सनैलिटी और अनलिमिटेड सफलता

सुपर पर्सनैलिटी और अनलिमिटेड सफलता

जीवन में अपेक्षित सफलता के लिए व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास बेहद जरूरी है। ज्यादातर लोग व्यक्तित्व का अभिप्राय व्यक्ति के बाहरी पक्ष के आकर्षण से समझते हैं; लेकिन ऐसा नहीं है। व्यक्तित्व-बाहरी और भीतरी- सर्वांगीण विकास का नाम है। व्यक्तित्व-निर्माण का प्रश्न प्रत्येक व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत सवाल है। इसका किसी दूसरे व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। दूसरा कोई भी व्यक्ति आपके मन तथा व्यक्तित्व को बलवान एवं दृढ़ नहीं बना सकता। कोई भी व्यक्ति आपको दुर्बल से शक्ति-संपन्न, असफल से सफल और कुछ नहीं से सबकुछ नहीं बना सकता। आप स्वयं ही सबकुछ बन सकते हैं और आप में वह सब करने की शक्ति व सामर्थ्य मौजूद है। व्यक्तित्व-विकास के प्रति निरंतर सजग रहकर आप सफलता व उपलब्धियों के क्षितिज पर अपने वर्चस्व के सुनहरे हस्ताक्षर दर्ज करा सकते हैं।

व्यक्तित्व में श्रेष्ठता से आपका, आपके परिवार व संपर्क-क्षेत्र का तो भला होगा ही, आप और बेहतर, सुंदर व सभ्य समाज निर्मित करने में अपना बेशकीमती योगदान देंगे। श्रेष्ठ और सक्षम मनुष्यों से भरी-पूरी दुनिया अनेक मायनों में स्वर्ग होगी। सुपर पर्सनैलिटी विकसित कर अनलिमिटेड सफलता प्राप्त करने की एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका है यह पुस्तक।

लेखक : ममता मेहरोत्रा
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
किताब का लिंक : https://amzn.to/3y7iNh1

सिद्ध संत और योगी

सिद्ध संत और योगी

इतिहास पर दृष्टि डालने पर कुछ शक्तियाँ सहज ही लक्ष्य की जा सकती हैं। यथा, सामरिक शक्ति, आर्थिक शक्ति, जनसमूह के संगठन की शक्ति, लेकिन जो शक्तियाँ वस्तुतः पृथ्वी को धारण करती हैं, वे साधारणतः प्रत्यक्षगोचर नहीं होती हैं। परंतु ऐसा भी नहीं है कि वे कभी हमारे सामने आती ही नहीं हैं। करुणावश, वे हमारे क्रियाकलाप में इस प्रकार हस्तक्षेप करती हैं कि हम उनको इस धरातल पर देख सकें। तोटकाचार्य लिखते हैं-जगतीमवितुं कलिताकृतयो विचरन्ति महामहसश्छलतः। जगती की रक्षा करने हेतु महान् विभूतियाँ छद्म-शरीर धारण करके विचरण करती हैं। इन विभूतियाँ का संपर्क, इनके स्पर्श, इनकी वाणी, व इनके कटाक्ष सभी अभ्युदय हेतु होते हैं। 

‘सिद्ध संत और योगी’ ऐसी विभूतियों के चिंतन व जीवनचरित का परिचय प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक एक संकलन के रूप में जिज्ञासुओं के लिए अत्यंत रोचक है, पर दूसरी ओर इसमें चर्चित अधिकांश महात्माओं की जीवंत शिष्य-परंपराएँ विद्यमान हैं, जहाँ आर्त्त व जिज्ञासु आश्रय अथवा मार्गदर्शन हेतु जा सकते हैं। आसन्न संकटों से निबटने के लिए मानवजाति के सम्मुख चेतना के उन्नयन के अतिरिक्त कोई मार्ग शेष नहीं है; इस पुस्तक में संकलित लेख कदाचित् इसी आशय से लिखे गए थे।

लेखक : शम्भूरत्न त्रिपाठी
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
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