वेक्स कहते हैं कि जब इनसान खुद से प्यार करना सीख जाएगा, तो वह एक बेहतर इनसान बन सकता है। खुद से प्यार करना हमें परिस्थितियों को स्वीकार करना सिखाता है। लेखक ने इसके लिए दो मुख्य तत्त्वों पर प्रकाश डाला है। पहला तत्त्व है, खुद के प्रति बेपनाह प्यार की दिशा में बढ़ना। मतलब यह है कि जब हम यह विश्वास करने लगते हैं कि हम जैसे हैं, बहुत अच्छे हैं, तो हम बेहतर इनसान बनने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। दूसरा तत्त्व है विकास को प्रेरित करना और सारा ध्यान कर्म करने में केन्द्रित करना।
लेखक के शब्दों में : वास्तविक तौर पर, खुद से प्यार करने का भाव किसी भी उस चीज में मौजूद हो सकता है, जो आपके जीवन को बेहतर करती हो। यह आपके खान-पान से लेकर आपकी धार्मिक आस्थाओं या फिर आप अपने व्यक्तिगत रिश्तों में एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, से संबंधित हो सकता है। और बेशक खुद से प्यार करने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू स्वीकार करना भी है- आप जो हैं, जैसे हैं, उससे संतुष्ट होना। परिणामस्वरुप खुद से प्यार करना सशक्तिकरण और विमुक्तीकरण है।
खुद से प्यार करने की अवधारणा हमें यह समझाती है कि हम अपनी मानसिकता और कर्मों के बीच संतुलन किस तरह स्थापित करें! जीवन में संतुलन के बिना हम बार-बार लड़खड़ाते हैं, गिरते हैं और दिशाहीन महसूस करते हैं। जब आप खुद से प्यार करते हैं तो बदले में जीवन भी आपसे प्यार करने लगता है।
लेखक ने बीच-बीच में उदाहरण दिए हैं, जिसमें वह सरलता के साथ अपनी बात समझाते हैं। इसमें उनके निजि जीवन के हिस्से भी हैं, दूसरों के जीवन के अनुभव और उनके साथ घटी घटनाओं का लेखा-जोखा भी है।
इस किताब को सात भागों में बांटा गया है :
1.सकारात्मक सोच का कमाल
2.सकारात्मक जीवन-शैली की आदतें
3.अपने आप को ऊपर रखना सीखें
4.स्वयं को स्वीकार करें
5.लक्ष्यों को तय करने की मानसिक सोच
6.लक्ष्यों को पूरा करने के एक्शन लेते रहें
7.पीड़ा और उद्देश्य
पहले भाग में लेखक कहते हैं कि सकारात्मक सोच पर आकर्षण का सिद्धांत बहुत अधिक जोर देता है। हम जिन चीजों को बहुत चाह के साथ पाने की सोचते हैं, उनके लिए पूरी कायनात हमारे लिए कोशिश में जुट जाती है और वह हमें प्राप्त भी हो जाता है।
'जिन भावनाओं की हम कल्पना करते हैं, वे हम तक, 'जैसे को तैसा' वाली कहावत के आधार पर, हमारे अनुभवों से वापस आती हैं।'
यह किताब सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। लेखक ने सकारात्मक रहने के अलग-अलग तरीकों को बहुत ही सरल भाषा में समझाया है। किताब को समझने और उसमें लिखे नियमों का पालन करने में पाठकों को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि वेक्स किंग ने जो तरीके बताए हैं, उन्हें जीवन में उतारने में मुश्किल नहीं है।
किताब के अनुसार यदि हम अपने सोचने, महसूस करने, बोलने और काम करने के तरीके को बदलें, तो हम पाएंगे कि सारा संसार बदल रहा है। यह बदलाव बहुत ही महत्व रखता है। यह इनसान को सफलता के रास्ते पर ले जाता है।
ऊर्जा का एक गुण संक्रामकता है। इसलिए वेक्स किंग कहते हैं कि हमेशा उन लोगों में रहने की कोशिश करें जिनकी सोच हमसे अधिक सकारात्मक हो। उन लोगों का साथ करें, जो हमसे ज्यादा अच्छा महसूस करते हैं। उनकी ऊर्जा का प्रभाव हम में भी दिखेगा। यही तो ऊर्जा का संचार है। इसी से सकारात्मकता की लहर एक से दूसरे में बहेगी। गुड बाइब्स यानी अच्छी तरंगे या ऊर्जा के बिखरने से उससे प्रभावित बहुत लोग होंगे, जिससे संसार में हर ओर अच्छी चीजें होंगी। यह इनसानों का नजिरया बदलेगा। खुशहाली के रास्ते खुलेंगे और सकारात्मकता ही सकारात्मकता होगी। मतलब गुड बाइब्स से गुड लाइफ बन जाएगी।
अच्छा महसूस करने वालों की नकल करने को भी लेखक ने बुरा नहीं कहा है। उनका मानना है कि ऐसा किया जा सकता है। सकारात्मकता जहां से भी प्राप्त हो रही हो, उसे वहीं से बिना सोचे-विचारे ले लिया जाए तो गलत नहीं। बल्कि यह अच्छा इसलिए है कि इससे अच्छाई का फैलाव होगा। ऊर्जा का संचार होगा और उससे दूसरा भी अच्छा महसूस करेगा।
'कभी-कभी आपको कुछ क्षणों के लिए सांसारिक बातों से अपना संपर्क तोड़ना होता है, जिससे आप फिर से अपने आप को उसके अनुरुप ढाल सकें।'
वेक्स किंग का यह विचार बहुत कारगर है। जब हम दूसरों से अलग होते हैं, तब हम खुद के ज्यादा करीब होते हैं। यह एक तरह का रिचार्ज भी कहा जा सकता है। यानी हम खुद को दोबारा से नयापन दे रहे हैं। उसके बाद हम अधिक ऊर्जावान, अधिक उत्साहित और अधिक मजबूत होकर आते हैं।
लेखक के जीवन में भी एक ऐसा दौर आया जब वे पूरी तरह निराश हो चुके थे। उनका व्यवसाय डूब गया था। उन्हें खुद पर संदेह होने लगा था कि वे अब कुछ नहीं कर पाएंगे। लेकिन उन्होंने खुद से बात की, खुद पर भरोसा जताया और प्रेरणास्रोत तलाशने शुरु किए। फिर क्या था उन्हें प्रेरणा मिलती रहीं, इससे उनमें भी सकारात्मकता बढ़ती रही और नकारात्मकता घटती गई। इसका फायदा यह मिला कि वे असफलता से सीखकर सफलता की ओर बढ़े। प्रेरणा ने उन्हें जीवन में नई दिशा दी।
समस्याओं पर चर्चा करना और एक-दूसरे के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान उस स्थिति में सही है, जब आपकी इच्छा दूसरों को नीचा दिखाकर खुद को उनसे बड़ा महसूस करने की नहीं है। ऐसा करके आप खुद के लिए झूठी पहचान को गढ़ते हैं और परिणामस्वरुप आपकी सकारात्मक ऊर्जा का स्तर नीचे चला जाता है। दूसरों के बारे में चुगली करना या खुद को नाटकबाजी में शामिल करने के अलावा अपना समय व्यतीत करने के लिए आपके पास और बहुत से बेहतर उपाय हैं। इसके बजाय आप अपने जीवन पर ध्यान दें और उसे सुधारने का प्रयास करें। जीवन में समय सबसे अमूल्य वस्तु है और आपको इसे बहुत सोच-समझकर कुछ ऐसा करने में निवेश करना चाहिए, जिससे आपका जीवन बेहतर बने।
समय सबसे मूल्यवान है। उसे व्यर्थ गंवाना खुद को गंवाने की तरह है। इसीलिए हमें उन बातों, उन चीज़ों पर अपना समय खर्च करना चाहिए जो हमारे जीवन के लिए काम की हैं।
जरुर पढ़ें : 'जब आप प्रेरित होते हैं तो आपको दिशा मिलती है'' - वेक्स किंग
वेक्स किंग ने आभार व्यक्त करने की भी सलाह दी है। उन्होंने नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मक में बदलने के तरीके भी बताए हैं। ध्यान करने पर वेक्स किंग के विचार पढ़कर अच्छी सीख ली जा सकती है।
समाज के बनाए सुंदरता के पैमाने को अपने आत्मविश्वास पर घात न करने दें। सुंदरता के लिए कोई नियम नहीं है। आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार और प्यार करें। अपनी कमियों को अपनाएँ और अपनी त्वचा के रंग को अपनी पहचान का हिस्सा बनाएँ। अपनी अपूर्णता को इस तरह धारण करें, जैसे उसे पूर्ण करने के लिए किसी फैशन की जरुरत नहीं है।
ध्यान की क्रिया हमारे मन की एक अवस्था में बंध चुकी मन की दीवारों को तोड़ती है तथा हमें और भी अधिक विशुद्ध बनने का अवसर देती है। जैसे ही आप बार-बार ध्यान की क्रिया करते हैं, तो अपने मन में चल रहे प्रतिबंधित विचारों के लिए आपको नए-नए दृष्टिकोण मिलते हैं।
लेखक के अनुसार जीवन की अच्छाइयों को देखने के लिए सकारात्मक लोगों के आसपास होना जरुरी है। ऐसा करने से अच्छाइयां आसानी से देखी जा सकती हैं। जो लोग हमारे विचारों को गलत दिशा में ले जा रहे हैं, उनसे दूरी बनाना उचित है। ऐसे लोग विषैले हो सकते हैं और हमारे विकास के लिए बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
'कभी-कभी आपको विषाक्त माहौल से नाता तोड़ना ही पड़ता है, जिससे कि आपका उपचार हो सके।'
वेक्स किंग ने जीवन में उतार-चढ़ाव और रिश्ते-नाते को करीब से देखा है। उन्होंने जुड़ाव और अलगाव को भी महसूस किया है। जो बातें वे बता रहे हैं यह उनके जीवन से भी जुड़ी हैं या उनके आसपास ऐसा बहुत कुछ घटा है जिसने उन्हें प्रभावित किया है। उसी का नतीजा है कि वेक्स ने इस पुस्तक में अनेक उदाहरण दिए हैं। हर पक्ष पर चर्चा करते हुए वे उदाहरण देते हैं ताकि अपनी बात को समझाना और आसान हो जाए।
एक जगह वे कहते हैं : 'हम में से कोई भी परफेक्ट नहीं होता, इसलिए हमारे रिश्ते भी परफेक्ट नहीं होते। लेकिन आप बड़ी आसानी से लोगों के झांसे में आ जाते हैं, क्योंकि आप उनके अंदर एक आकर्षित करनेवाली झलक पाते हैं और सोचते हैं कि उनके अंदर बहुत अच्छा साथी बनने की क्षमता है; हालांकि आपको यह जानकर निराशा होती है कि आप झूठी उम्मीद पाले बैठे थे।'
उन्होंने चीज़ों को समझने और निर्णय करने की क्षमता को विकसित करने की बात पर चर्चा की है। रिश्तों के मामले में साहसी बनना भी कई बार निराशा से बाहर निकाल सकता है। भविष्य को बेहतर करने के लिए कई बार कड़े कदम उठाने चाहिए। यही वजह है कि लेखक कहता है कि गुमराह करनेवालों से दूर रहें। व्यक्तिगत विकास पर लेखक ने जोर दिया है। एक जगह देखें : 'आपको हमेशा अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उसका विस्तार करना चाहिए, व्यक्तिगत तौर पर अपना विकास करना चाहिए।'
अपनी ऊर्जा को सुरक्षित करना भी जरुरी है। दूसरों को सकारात्मकता से भरने के लिए हमें यह भी देखना होगा कि इससे हम पर क्या प्रभाव हो रहा है। कहीं हम खुद को ऊर्जा विहीन तो नहीं कर रहे? यह हमें सुनिश्चित करना होगा तभी हम आगे बढ़ सकते हैं।
लेखक कहता है कि जीवन में हमें हर तरह के लोगों का सामना करना पड़ता है। राह में नकारात्मक लोग भी बहुतायत में मिलते हैं। संसार में हर तरह के अनुभव होते हैं। इसके लिए तैयारी भी हमें ही करनी है। उनसे निपटने के लिए हमें खुद सीखना पड़ता है। किताब में महात्मा गांधी के शब्दों में कहा गया है : 'मेरी अनुमति के बिना कोई मेरा दिल नहीं दुखा सकता।' बिल्कुल यह बात सही है। मगर हम फिर भी नकारात्मक लोगों के झुंड में फंस जाते हैं और हम में से बहुत लोग उसी तरह के विचारों से घिर भी जाते हैं। उनसे बाहर आने के लिए वेक्स किंग ने विस्तार से चर्चा करते हुए कई तरीके बताए हैं।
वेक्स किंग कहते हैं कि उन्होंने सकारात्मकता की ओर रुख किया तो वे बदलते चले गए। सकारात्मकता अपनाते ही उनके साथ जुड़े कई लोग उनसे अलग हुए। ये वे लोग थे जो उन्हें पहले की तरह ही देखना चाहते थे। उनके शब्दों में : 'मैं अपने आप को भावनात्मक तौर पर उनकी फ्रीक्वेंसी से अलग फ्रीक्वेंसी पर ले गया। मेरे नए सकारात्मक व्यवहार से जो कुछ साफ-साफ दिख रहा था, वह कुछ लोगों को मुझसे दूर जाने के लिए विवश कर रहा था। मेरे लिए यह बहुत ही अच्छा था, क्योंकि ये वे लोग थे, जिनकी ऊर्जा का स्तर मेरी ऊर्जा के स्तर से बहुत कम था। मुझे खुद को उनसे दूर करने की कोई जरुरत नहीं थी, क्योंकि यह काम उन्होंने मेरे लिए कर दिया था।' पहले वेक्स बहुत ज्यादा शिकायतें करते थे, बाद में उन्होंने हर चीज में अच्छाई तलाशनी शुरु कर दी।
समाज के बनाए सुंदरता के पैमाने को अपने आत्मविश्वास पर घात न करने दें। सुंदरता के लिए कोई नियम नहीं है। आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार और प्यार करें। अपनी कमियों को अपनाएँ और अपनी त्वचा के रंग को अपनी पहचान का हिस्सा बनाएँ। अपनी अपूर्णता को इस तरह धारण करें, जैसे उसे पूर्ण करने के लिए किसी फैशन की जरुरत नहीं है।
लेखक कहता है कि दूसरों के जीवन को भी देखें, जानें और समझें और उनसे अच्छी चीजें लें। लेकिन यह कभी न भूलें कि जो आपके पास है, वह ही आपका है। उसके लिए शुक्रगुजार होकर अपने जीवन में बढ़ें।
चुनौतियों से पार पाने के लिए डर का सामना करना बेहद जरुरी है। लेखक के शब्दों में : 'आरामदेह स्थिति से बाहर निकलें और अपने डर का सामना करें। जब आप चुनौतियां स्वीकार करते हैं, तब विकास होता है, न कि तब, जब आप आरामदेह स्थिति में होते हैं।'
वेक्स किंग निरंतर अभ्यास करने की सलाह देते हैं। इसलिए वे इरादों पर अटल रहने की प्रेरणा देते हैं ताकि अपेक्षित परिणाम आ सकें।
साधारण और असाधारण के बीच का फर्क भी लेखक ने बहुत ही अच्छी तरह समझाया है, देखें : साधारण या असाधारण के बीच का अंतर बहुत ही सरल है। असाधारण लोग चीज़ों को तब भी कर लेते हैं, जब उन्हें वह पसंद नहीं होती, क्योंकि वे अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से वचनबद्ध होते हैं।'
कुल मिलाकर वेक्स किंग की किताब सकारात्मक ऊर्जा के किसी अद्भुत स्रोत की तरह है। यह हमें जीवन को बेहतरी के साथ जीने के लिए प्रेरित करती है। सबसे मुख्य बात यह है कि किताब हमें अच्छा इनसान बनाने की ओर कदम बढ़ाने को तैयार करती है। यह बेहतर समाज को विकसित करने का खूबसूरत प्रयास है।