अलग-अलग कहानियां एवं उदाहरणों के माध्यम से एस.पी. भारिल्ल ने वास्तविकता को समझाने की कोशिश है.
ज़िंदगी अलग-अलग तरह की उलझनों से भरी है। किसी को किसी बात को लेकर दिक्कत है, किसी को अन्य बात को लेकर समस्या है। मतलब यह कि जीवन है, तो उलझन है। बेस्टसेलर लेखक एस.पी. भारिल्ल ने अपनी नई किताब 'ज़िंदगी बेनकाब' में जीवन के उलझे विचारों को सुलझाने की कोशिश की है। किताब के मुताबिक व्यक्ति के विचार तभी सुलझ सकते हैं जब वह जीवन को अच्छी तरह से समझ ले। जीवन को समझना इतना आसान नहीं। यही वजह है कि लेखक ने अलग-अलग तरीके से पाठकों को सरल भाषा में उनकी समझ को विकसित करने के मकसद से यह किताब लिखी है। किताब का प्रकाशन मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने किया है।
लेखक दावा करते हैं कि इस पुस्तक में प्रकृति के अभूतपूर्व, अलौकिक, वैज्ञानिक, व्यावहारिक, तर्कशील, सिद्धांत और नियम हैं जो जीवन का सत्य बताते हैं। ये नियम किसी बंधन में नहीं बंधे हैं बल्कि उससे परे हैं। ये किसी व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं हैं बल्कि हर विशेष व्यक्ति के लिए हैं।
अलग-अलग कहानियां एवं उदाहरणों के माध्यम से एस.पी. भारिल्ल ने वास्तविकता को समझाने की कोशिश है। उन्होंने व्यावाहारिक ज्ञान की बात है। उन्होंने आध्यात्मिकता की बात की है। वे तर्क देकर अपनी बात साबित करना जानते हैं।
किताब यह बताती है कि इंद्रियों को काबू करना जीवन को काबू करने के समान है। हालांकि यह आसान काम नहीं है, लेकिन किसी भी काम को पूरा करने के लिए कोशिश की जा सकती है। ऐसा भी नहीं कि हर कोशिश कारगर हो, कोशिश करते रहने से ही सफलता मिलती है। यही वजह है कि लेखक कहते हैं कि दुनिया में कोई भी चीज़ आसानी से नहीं मिलती है, उसके लिए कीमत चुकानी पड़ती है। जो आसान दिखाई देता है वो भ्रम होता है और वो पता तब चलता है जब सब बिखर जाता है।
लेखक जीवन के समाधान की राह पर चर्चा करते हैं। वह जीवन को देखने का हमारा नज़रिया बदलते हैं। यह जीवन की उचित राह की तरफ हमें ले जाने के लिए प्रेरित करता है।