एक स्टार्टअप, जन्म से परिपक्व होने तक अनेक चरणों से गुज़रता है और हर चरण में नयी चुनौतियों का सामना करना होता है.
पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप्स तेजी से बढ़े हैं। उनके लिए शुरुआत में कई समस्यायें आती हैं। कई बार अल्प-जानकारी की वजह से स्टार्टअप शुरु नहीं हो पाता। राकेश वर्मा ने ‘स्टार्टअप गाइड’ के नाम से एक ख़ास किताब लिखी है जो एक बेहतरीन मार्गदर्शक की तरह है। किताब में शुरुआत से लेकर हर चरण पर खुलकर चर्चा की गयी है जिससे एक स्टार्टअप को आसान भाषा में लाभदायक जानकारी मिल सके।
राकेश वर्मा कहते हैं कि वर्तमान युग में पूरे विश्व में राष्ट्र के निर्माण एवं अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए स्टार्टअप्स को अत्यन्त महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इनसे देश की अर्थव्यवस्था में तो मज़बूती आती ही है, रोज़गार का सृजन भी होता है। नये उद्यमों की सफलता से स्वदेशी नवाचार और तकनीक को भी दीर्घकालीन लाभ और प्रोत्साहन मिलता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में स्टार्टअप्स का परिदृश्य तेज़ी से बदला है और इसमें उत्साहजनक वृद्धि हो रही है। एक स्टार्टअप, जन्म से परिपक्व होने तक अनेक चरणों से गुज़रता है और हर चरण में नयी चुनौतियों का सामना करना होता है। ये गाइड बुक आपको हर क़दम पर आपका मार्गदर्शन करती रहेगी।
सबसे पहले किसी भी स्टार्टअप को अपने उद्यम के लिए एक ठोस बिजनेस प्लान बनाना चाहिए। किताब में बिजनेस प्लान बनाने के लिए ख़ास टिप्स दिए हैं। एक अच्छी रणनीति क्या होती है और किस तरह उसे लागू करना चाहिए, इसपर चर्चा की गयी है। लेखक कहते हैं कि जब हम स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखते हैं तो कई जिज्ञासाएं, डर एवं चिंताएं स्वाभाविक तौर पर हमें घेर लेती हैं। हमें उनका निदान करना चाहिए ताकि आगे होने वाली समस्या से बचा जा सके। इसके लिए एक कुशल रणनीति चाहिए जिसका किताब में जिक्र है। साथ ही लेखक ने कहा है कि यह एक भ्रम है कि एक सफल उद्यम के लिए एक सफल बैकग्राउंड हो या आपने एम.बी.ए. किया हो। अगर आपका प्रोडक्ट एवं सर्विस सही है और ग्राहकों की किसी जरुरत को पूरा कर रहा है और आप इसमें सही तरीके से मेहनत करते हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
एक अध्याय में लेखक कहते हैं कि हमें अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों को भी जान लेना चाहिए। कारोबार करने से पहले अपने आसपास के बिजनेस करने वालों को भी समझना आवश्यक है। इससे हमें अपने लिए कई जानकारियां एवं चुनौतियां हासिल हो सकती है जिसका लाभ हमारे स्टार्टअप के लिए हो सकता है। साथ ही उद्यम के आकार तथा व्यापारिक स्तर के आधार पर अपने निकटतम प्रतिस्पर्धियों के बिजनेस मॉडल, आय, प्रोडक्ट्स या सेवाओं तथा ग्राहकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए स्वयं ग्राहक बनकर अनुभव हासिल करना सबसे बढ़िया होता है।
किसी भी सफल उद्यम में एक कुशल टीम बेहद जरुरी होती है। साथ ही स्टार्टअप शुरु करने के लिए उद्यमशीलता का होना मौलिक आवश्यकता है। इसपर लेखक कहते हैं कि उद्यम की सफलता के लिए उसमें विज़न, संवाद-पटुता, संयम, प्रतिबद्धता, उत्साह, परिश्रम, नेतृत्व क्षमता तथा जोखिम उठाने का साहस जैसे गुणों का होना अनिवार्य है।
लेखक ने स्टार्टअप की ऑनलाइन ब्रांडिंग, नेटवर्किंग, बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स, डाटा विश्लेषण, फंडिंग आदि पर विस्तार से चर्चा की है। यह किताब किसी बेहतरीन मार्गदर्शक से कम नहीं है।