मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने हीरो की कहानी और ऐमेज़ॉन की कहानी प्रकाशित की है। ये दोनों कंपनियां एक मिसाल के तौर पर देखी जाती हैं। दोनों ने ही उद्योग जगत को सफलता की नई परिभाषा दी है। हीरो ने जिस तरह बुलंदियों को छुआ वह किसी से छिपा नहीं है। चार भाईयों की मेहनत से अपनी स्थापना के तीस साल बाद हीरो साइकिल्स दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गई थी। यह भी हैरान करता है कि जेफ बेजोस की ऐमेज़ॉन कैसे एक मामूली स्टार्टअप दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन जाती है जिसपर लगभग हर सामान मौजूद है।
हीरो की कहानी :
1940 के दशक में उन्हें कमालिया की सँकरी गलियों और अविभाजित हिंदुस्तान के क्वेटा (अब पाकिस्तान में) के ऊबड़-खाबड़ भू-भाग से अमृतसर, आगरा, और दिल्ली आना पड़ा। ये शहर बँटवारे के दर्द से उजड़ चुके थे। और अंत में वे लुधियाना में बस गए। उस वक़्त शरीर पर पहने कपड़ों के अलावा उनके पास कुछ नहीं था। यहीं से, छह मुन्जाल बंधुओं में से चार ने तिनका-तिनका करके अपना कारोबार खड़ा किया। विश्व-स्तरीय उद्यम विकसित करने का कोई बड़ा सपना नहीं था। उनका मक़सद स़िर्फ अपना अस्तित्व बनाए रखना और परिवार के लिए जीवनयापन के साधन जुटाना था।
हीरो ने साइकिल पार्ट्स का कारोबार शुरू किया और फिर साइकिल, मोपेड, ऑटोमोटिव पार्ट्स, मोटरसाइकिल और स्कूटर का उत्पादन किया और आज पुनर्गठित समूह सर्विस बिज़नेस और आधारभूत संरचना के क्षेत्रों से भी व्यापक रूप से जुड़ा है। अपनी स्थापना के तीस साल बाद 1986 में हीरो साइकिल्स दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गई। अगले पंद्रह वर्षों में मोटरसाइकिल उद्यम हीरो होंडा भी दुनिया में सबसे बड़ा बन गया, और इन दोनों ही स्थानों पर हीरो समूह आज भी मज़बूती से बना हुआ है।
जटिल लालफ़ीताशाही, धीमे आर्थिक विकास और बाद में वैश्विक प्रतिस्पर्धा जैसे कई अवरोधों को पार करने के बारे में यह ‘मेक इन इंडिया’ की एक प्रामाणिक कहानी है। यह उन चार मुन्जाल भाइयों के जीवन और उनके वक़्त की कहानी भी है, जो एक साथ रहते थे और उन्होंने किसी औपचारिक शिक्षा या संसाधनों के बिना दो पहियों पर एक चमत्कारिक क्रांति का इतिहास लिख दिया।
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ऐमेज़ॉन की कहानी :
ऐमेज़ॉन का विचार 1994 में न्यू यॉर्क सिटी के केंद्र में बनी एक अट्टालिका की चालीसवीं मंज़िल पर शुरू हुआ था। लगभग बीस साल बाद इसके फलस्वरूप जो कंपनी बनी, वह नब्बे हज़ार से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देती है और इस संसार के सबसे मशहूर कॉरपोरेशनों में से एक बन चुकी है। यह कंपनी अपने व्यापक चयन, कम भाव और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा से अपने ग्राहकों को आनंदित करती है। साथ ही, यह उद्योगों को नए सिरे से ढालती है और संसार के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण ब्रांडों को हतोत्साहित भी करती है। यह पुस्तक बस यह बताने की कोशिश है कि यह सब कैसे हुआ। इस पुस्तक का लक्ष्य एक महान उद्यमी सफलता के पीछे की कहानी बताना है, जो दुर्लभ है।
इस कहानी में एक प्रतिभाशाली बच्चा बड़े होकर एक असाधारण रूप से प्रेरित और बहुमुखी सीईओ बन जाता है। इस कहानी में वह, उसके परिवार वाले और उसके सहकर्मी इंटरनेट नामक क्रांतिकारी नेटवर्क पर भारी दाँव लगाते हैं। और अंततः एक ऐसा स्टोर बनाने के विराट स्वप्न पर, जहाँ हर चीज़ बिकती है।
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