ऐमेज़ॉन आधुनिक जीवन की एक दैनिक आवश्यकता है, जो बढ़ती ही जा रही है। आज के पूँजीवादी समाज में उपभोग करना सबसे बुनियादी आवेग है और इसके वशीभूत होकर करोड़ों लोग नियमित रूप से अपने वेब ब्राउज़र से इसकी मुख्य वेबसाइट या इसकी उपग्रह साइटों जैसे ज़ैप्पोज़ डॉट कॉम और डायपर्स डॉट कॉम पर पहुँचते हैं। ऐमेज़ॉन की साइट विकल्पों का महासागर है। यहाँ पुस्तकों, फ़िल्मों, बागवानी के औज़ारों, फ़र्नीचर, आहार और कभी-कभार तो बहुत अजीब चीज़ें भी बिकती हैं, जैसे बिल्लियों के लिए फुलाने वाले युनिकॉर्न (9.50 डॉलर) और हज़ार पौंड की इलेक्ट्रॉनिक-लॉक गन सेफ़ (903.53 डॉलर), जो तीन से पाँच दिनों के भीतर आपके घर पहुँच सकती है। कंपनी ने ग्राहकों की आवश्यकता की त्वरित संतुष्टि की कला में लगभग महारत हासिल कर ली है। यह डिजिटल प्रॉडक्ट चंद पलों में आप तक पहुँचा देती है और भौतिक सामान चंद दिनों में ही आपके दरवाज़े तक पहुँच जाता है। बहुत से ग्राहक ऐमेज़ॉन की बड़ाई करते नहीं थकते कि ऑर्डर उम्मीद से बहुत पहले ही उनके दरवाज़े पर जादू से प्रकट हो गया था।
ऐमेज़ॉन ने 2012 में 61 अरब डॉलर की आमदनी की, जो इसके कार्यसंचालन का सत्रहवाँ साल था। यह बहुत संभव है कि यह 100 अरब डॉलर का आँकड़ा पार करने वाला इतिहास का सबसे तीव्र रिटेलर बन जाए। यदि इसके ज़्यादातर ग्राहक इससे प्रेम करते हैं, तो इसके प्रतिस्पर्धी उतनी ही शिद्दत से इससे डरते हैं। यहाँ तक कि यह नाम व्यावसायिक शब्दकोश में भी दाख़िल हो चुका है, हालाँकि इसका अर्थ पूरी तरह से प्रशंसनीय नहीं है। टु बी ऐमेज़ॉन का मतलब है “असहाय होकर देखना, जब सिएटल की ऑनलाइन कंपनी आपके ईंट-गारे के पारंपरिक व्यवसाय के ग्राहकों और मुनाफ़े को अपनी ओर खींच लेती है।”
ज़्यादातर लोगों की राय में ऐमेज़ॉन डॉट कॉम का इतिहास इंटरनेट युग की एक प्रतिष्ठित कहानी है। इस कंपनी ने ऑनलाइन बुकसेलर के रूप में छोटी शुरुआत की। इसके बाद 1990 के दशक के अंत में यह डॉट कॉम सैलाब की लहर पर सवार हो गई तथा संगीत, फ़िल्में, इलेक्ट्रॉनिक्स और खिलौने भी बेचने लगी। यह तबाही से बाल-बाल बची, हालाँकि 2000-2001 के डॉट कॉम पतन के बीच बहुतों को इसके दिवालिया होने की काफ़ी उम्मीद थी। फिर इसने अपना ख़ुद का जटिल वितरण नेटवर्क बनाने में महारत हासिल की और सॉफ़्टवेयर, आभूषण, पोशाक, वस्त्र, खेल सामग्री, वाहनों के पुर्ज़ों आदि क्षेत्रों में विस्तार किया - यानी हर चीज़ में। जब इस कंपनी ख़ुद को इंटरनेट के शीर्ष रिटेलर के रूप में स्थापित कर लिया और दूसरे विक्रेताओं को भी अपनी साइट से बेचने का अग्रणी मंच बना लिया, तो सिलसिला यहीं नहीं थमा। ऐमेज़ॉन ने एक बार फिर नवाचार किया। इसने क्लाउड कंप्यूटिंग अधोसंरचना बेचकर ख़ुद को बहुमुखी प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में परिभाषित किया, जिसे ऐमेज़ॉन वेब सर्विसेस के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, इसने किंडल इलेक्ट्रॉनिक रीडर और किंडल फ़ायर टैबलेट जैसे कई नवाचारी किफ़ायती व व्यावहारिक डिजिटल उपकरण भी संसार को दिए।
गूगल के चेयरमैन एरिक श्मिट कहते हैं, “मेरे लिए ऐमेज़ॉन एक बहुत प्रतिभाशाली संस्थापक की कहानी है, जिसने व्यक्तिगत रूप से स्वप्न को प्रेरित किया।” यह नहीं भूलें कि श्मिट ऐमेज़ॉन के संकल्पवान प्रतिस्पर्धी हैं और ख़ुद ऐमेज़ॉन प्राइम के सदस्य भी हैं, जो इसकी दो दिन की शिपिंग सेवा है। “इससे बेहतर उदाहरण दूसरा नहीं है। शायद एपल, लेकिन लोग भूल जाते हैं कि ज़्यादातर लोगों की राय में ऐमेज़ॉन की बरबादी तय थी, क्योंकि यह किसी कारगर लागत तंत्र पर सामान की बिक्री को लगातार नहीं बढ़ा रही थी। इस इसका घाटे का ढेर बढ़ता जा रहा था और इसने करोड़ों-अरबों डॉलर गँवाए। लेकिन जेफ़ बहुत मुखर थे, बहुत स्मार्ट थे। वे किसी प्रौद्योगिकी कंपनी के आदर्श संस्थापक हैं, जो हर विवरण को समझते हैं और इसके बारे में किसी दूसरे से ज़्यादा परवाह करते हैं।”
ऐमेज़ॉन के शेयर का भाव हाल में आसमान छूने लगा है, लेकिन इसके बावजूद ऐमेज़ॉन एक अनूठी कंपनी है और अनूठे रूप से चकित करती रहती है। इसकी बैलेंस शीट में मुनाफ़े को जैसे असाध्य रोग हो गया है। यह सही है कि इसने नए बाज़ारों तथा प्रॉडक्ट श्रेणियों में तूफ़ानी विस्तार किया है, लेकिन यह भी उतना ही सही है कि इसे दरअसल 2012 में घाटा भी हुआ है। लेकिन वॉल स्ट्रीट को तो जैसे इस बात की कोई परवाह ही नहीं है। जेफ़ बेज़ोस लगातार घोषणा करते रहते हैं कि वे अपनी कंपनी को लंबे समय के लिए बना रहे हैं। उनके शेयरधारक उनकी इस बात पर पूरा भरोसा करते हैं। यानी निवेशक धैर्य से उस दिन का इंतज़ार कर रहे हैं, जब बेज़ोस अपने विस्तार को धीमा करेंगे और स्वस्थ मुनाफ़ा कमाने का निर्णय लेंगे।
बेज़ोस दूसरों की राय के प्रति काफ़ी उदासीन नज़र आते हैं और यह बात साबित हो चुकी है। उन्हें समस्या सुलझाने में आनंद आता है। प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के बारे में उनका दृष्टिकोण शतरंज के ग्रांड मास्टर जैसा है। वे मुफ़्त शिपिंग जैसी सेवाएँ प्रदान करके ग्राहकों को ख़ुश करने की लगातार कोशिश करते रहते हैं और इस मामले में जुनूनी एकाग्रता का परिचय देते हैं। उनकी महत्त्वाकांक्षाएँ विशाल हैं - सिर्फ़ ऐमेज़ॉन के मामले में ही नहीं, बल्कि विज्ञान की सीमाओं को आगे धकाने और मीडिया परिदृश्य को नए सिरे से ढालने के बारे में भी। उन्होंने अपनी ख़ुद की रॉकेट कंपनी ब्लू ऑरिजिन की स्थापना की है। इसके अलावा बेज़ोस ने अगस्त 2013 में बदहाली से ग्रस्त वॉशिंगटन पोस्ट अख़बार कंपनी को 250 मिलियन डॉलर में ख़रीद लिया है। इस सौदे से पूरा मीडिया उद्योग स्तब्ध रह गया।
जैसा उनके कई कर्मचारी आपको बता देंगे, बेज़ोस के साथ काम करना बेहद मुश्किल होता है। उनकी ज़ोरदार हँसी बहुत मशहूर है और उनका सार्वजनिक व्यक्तित्व ख़ुशनुमा है, लेकिन इसके बावजूद वे एपल के स्वर्गीय संस्थापक स्टीव जॉब्स की तरह कटु और विस्फोटक बातें बोल सकते हैं, जिनसे कोई भी कर्मचारी दहशत में आ जाता था, जो उनके साथ लिफ़्ट में सवारी करता था। बेज़ोस एक सूक्ष्म प्रबंधक हैं, जिनके दिमाग़ में नए विचारों का असीमित झरना लगातार बहता रहता है। जो प्रयास उनके कठोर मानदंडों पर खरे नहीं उतरते, उनकी वे कठोर शब्दों में निंदा करने से नहीं चूकते हैं।
जॉब्स की तरह ही बेज़ोस भी एक वास्तविकता विकृति क्षेत्र उत्पन्न करते हैं - एक आभामंडल, जो अपनी कंपनी के बारे में विश्वसनीय लेकिन अंततः असंतुष्ट करने वाले प्रचार से भरा रहता है। वे अक्सर कहते हैं कि ऐमेज़ॉन कंपनी का उद्देश्य “उद्योगों के लिए और पूरे संसार में ग्राहक संतुष्टि का पैमाना ऊँचा करना है, क्योंकि यही ग्राहक केंद्रित होने का अर्थ है।” बेज़ोस और उनके कर्मचारी सचमुच ग्राहकों की सेवा करने में तल्लीन हैं, लेकिन वे प्रतिद्वंद्वियों और साझेदारों के साथ भी खूँखार ढंग से प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं। बेज़ोस यह कहना पसंद करते हैं कि ऐमेज़ॉन जिन बाज़ारों में प्रतिस्पर्धा करती है, वे विशाल हैं और वहाँ कई कंपनियों के लिए जगह है। यह शायद सच है, लेकिन यह भी सच है कि ऐमेज़ॉन ने छोटे-बड़े कई प्रतिस्पर्धियों को तबाह या नष्ट करने में मदद की है, जिनमें से कई ब्रांड कभी विश्वविख्यात थे: सर्किट सिटी। बॉर्डर्स। बेस्ट बाय। बार्न्स ऐंड नोबल।
जब कोई कंपनी इतनी ज़्यादा शक्तिशाली बन जाती है, तो आम तौर पर अमेरिका के लोग आंदोलित हो जाते हैं, ख़ास तौर पर जब यह दूर-दराज के किसी शहर में स्थित बड़ी कंपनी हो, जिसकी सफलता से उनके स्थानीय समुदाय पर आँच आ सकती है। वॉलमार्ट ने इस शंका का सामना किया था। सियर्स ने भी, वूलवर्थ ने भी और हर युग के अन्य रिटेल दिग्गजों ने भी। एऐंडपी ग्रोसरी चेन तक ने भी इसका सामना किया था, जो 1940 के दशक के दौरान एक तबाह करने वाले एकाधिकार व्यापार विरोधी मुक़दमे से जूझी थी। अमेरिका के लोग सुविधा और कम भाव के लिए बड़े रिटेलरों से ढेर सारा सामान ख़रीदने लगते हैं। लेकिन एक समय ये कंपनियाँ इतनी बड़ी हो जाती हैं कि जनता की सामूहिक मानसिकता में एक विरोधाभास नज़र आने लगता है। हम चीज़ों को सस्ता चाहते हैं, लेकिन दरअसल हम यह नहीं चाहते कि कोई सड़क के पार वाले छोटे स्टोरों को तबाह कर दे। या उस स्थानीय बुकस्टोर को तबाह कर दे, जिसका व्यवसाय कई दशकों से संकट झेल रहा है, पहले तो बार्न्स ऐंड नोबल जैसे चेन बुकस्टोर्स के उदय के कारण और अब ऐमेज़ॉन के कारण।
बेज़ोस बुद्धिमत्तापूर्वक अपनी कंपनी को पहेली बनाकर रखते हैं। वे स्फ़िंक्स की तरह अपनी योजनाएँ विस्तार से बताते हैं। वे विचारों और इरादों को गोपनीय रखते हैं। वे सिएटल व्यावसायिक समुदाय और प्रौद्योगिकी उद्योग में पहेली बने हुए हैं। वे सम्मेलनों में शायद ही कभी बोलते हैं और मीडिया में इंटरव्यू भी कम ही देते हैं। इसका नतीजा यह है कि लोगों को उनकी गोपनीय योजनाओं के बारे में तो छोड़ ही दें, उनके सरनेम का सही उच्चारण भी मालूम नहीं है। यहाँ तक कि उनके मुरीद और ऐमेज़ॉन की कहानी को क़रीब से जानने की इच्छा रखने वाले लोग भी उनके सरनेम बेज़ोस का उच्चारण ग़लती से बीज़ोस कर देते हैं।
वेंचर कैपिटेलिस्ट जॉन डोर ने शुरुआत में ऐमेज़ॉन को समर्थन दिया था और वे एक दशक तक इसके संचालक मंडल में रहे हैं। वे ऐमेज़ॉन की किफ़ायती जनसंपर्क शैली को “बेज़ोस की संप्रेषण अवधारणा” का नाम देते हैं। वे कहते हैं कि बेज़ोस प्रेस रिलीज़, प्रॉडक्ट के वर्णन और शेयरधारकों के पत्रों की जाँच करते समय लाल पेन उठा लेते हैं। इस पेन से वे हर उस शब्द को काट देते हैं, जो ग्राहकों को सरलता से और सकारात्मक रूप से कुछ न बताता हो।
हम सोचते हैं कि हम ऐमेज़ॉन की कहानी जानते हैं, लेकिन दरअसल हम ज़्यादा कुछ नहीं जानते हैं। हमें सिर्फ़ वही पुरानी कहानियाँ मालूम हैं, जो इसने ख़ुद ने हमें बताई हैं। इसकी प्रेस रिलीज़ों, कथनों और इंटरव्यूज़ की पंक्तियों से हम बस उतना ही जानते हैं, जितने को बेज़ोस ने लाल स्याही से नहीं काटा है।
बाहर से ऐमेज़ॉन के आधुनिक, नीचे झुके हुए ऑफ़िस सामान्य दिखते हैं, जिन्हें कहीं से कहीं तक उल्लेखनीय नहीं कहा जा सकता। लेकिन डे वन नॉर्थ के भीतर परिदृश्य बदल जाता है। यह टेरी एवेन्यू और रिपब्लिकन स्ट्रीट पर ऐमेज़ॉन की हाई कमान का स्थान है। यहाँ एक लंबी आयताकार आगंतुक डेस्क के पीछे वाली दीवार पर ऐमेज़ॉन का मुस्कराता हुआ लोगो आपका अभिवादन करता है। डेस्क के एक तरफ़ उन कर्मचारियों के लिए डॉग बिस्कुट का कटोरा रखा है, जो अपने कुत्ते ऑफ़िस लेकर आते हैं (उस कंपनी में एक दुर्लभ सुविधा, जो कर्मचारियों से पार्किंग और नाश्ते के पैसे वसूल करती है)। लिफ़्ट के पास एक काला प्लाक यानी फलक है, जिस पर लिखे सफ़ेद अक्षर आगंतुकों को बताते हैं कि वे दार्शनिक-सीईओ के इलाक़े में क़दम रख चुके हैं। इस पर लिखा है:
बहुत सारी चीज़ें हैं, जिनका आविष्कार होना अभी बाक़ी है।
बहुत कुछ नया है, जो होने वाला है।
लोगों को पता ही नहीं है कि इंटरनेट कितना प्रभावी बनने वाला है
और यह भी कि अब भी इसका पहला बड़ा दिन ही चल रहा है।
–जेफ़ बेज़ोस.
ऐमेज़ॉन की आंतरिक परंपराएँ गहराई से अजीब हैं। इसकी मीटिंगों में पॉवरपॉइंट डेक या स्लाइड प्रज़ेंटेशनों का इस्तेमाल कभी नहीं किया जाता। इसके बजाय कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य होता है कि वे शब्दों में छह पेज का वर्णन लिखें। बेज़ोस मानते हैं कि इससे आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है। हर नए प्रॉडक्ट के लिए दस्तावेज़ प्रेस रिलीज़ की शैली में लिखे जाते हैं। लक्ष्य किसी नए काम के बारे में इस तरह जानकारी देना है, जैसे ग्राहक इसके बारे में सुन रहा हो। हर मीटिंग की शुरुआत में हर कोई ख़ामोशी से दस्तावेज़ को पढ़ता है और इसके बाद ही उस पर विचार-विमर्श शुरू होता है - रिवर ओक्स एलीमेंट्री में प्रिंसिपल के ऑफ़िस में उत्पादक सोच के अभ्यास की तरह। इस प्रोजेक्ट पर बातचीत करने के लिए बेज़ोस के साथ अपनी शुरुआत मीटिंग में मैंने ऐमेज़ॉन की इस परंपरा का पालन करने का निर्णय लिया। मैंने ऐमेज़ॉन की शैली में वर्णन इस तरह लिखा, जैसे मैं इस पुस्तक की काल्पनिक प्रेस रिलीज़ लिख रहा हूँ।
इतने वर्षों में बेज़ोस की मशहूर हँसी के बारे में काफ़ी कुछ कहा गया है। यह चौंकाने वाली और धड़कनों को हिलाने वाली हँसी है। वे अपनी गर्दन पीछे मोड़ते हैं, अपनी आँखें बंद करते हैं और फिर गले से गर्जना करते हुए खुलकर हँसते हैं। यह हँसी किसी समागमरत एलिफ़ेंट सील और किसी बिजली के उपकरण के बीच की संकर ध्वनि जैसी लगती है। अक्सर यह हँसी तब सुनाई देती है, जब किसी दूसरे को कोई मज़ेदार चीज़ स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। एक मायने में बेज़ोस की हँसी एक ऐसी गुत्थी है, जो अब तक नहीं सुलझ पाई है। कोई यह सोच भी नहीं सकता कि इतना गहन और एकाग्र व्यक्ति इतनी उग्र हँसी हँस सकता है; और यह हँसी उनके परिवार में किसी से मेल भी नहीं खाती है।
कर्मचारी इस हँसी से थर्राते हैं। इससे उनके दिल पर खंजर चुभने लगते हैं। यह बातचीत को चीर देती है और सामने वाले को उसकी एड़ी के बल भेज देती है। उनके कई सहकर्मी कहते हैं कि कुछ हद तक यह हँसी इरादतन होती है - बेज़ोस अपनी हँसी का इस्तेमाल हथियार की तरह करते हैं। ऐमेज़ॉन के पूर्व चीफ़ इनफ़ॉर्मेशन ऑफ़िसर रिक डालजेल कहते हैं, “आप इसे समझने में कोई ग़लती नहीं कर सकते। यह निरस्त्र करने वाली और दंडात्मक होती है। वे आपको दंड दे रहे हैं।”
ऐमेज़ॉन का विचार 1994 में न्यू यॉर्क सिटी के केंद्र में बनी एक अट्टालिका की चालीसवीं मंज़िल पर शुरू हुआ था। लगभग बीस साल बाद इसके फलस्वरूप जो कंपनी बनी, वह नब्बे हज़ार से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देती है और इस संसार के सबसे मशहूर कॉरपोरेशनों में से एक बन चुकी है। यह कंपनी अपने व्यापक चयन, कम भाव और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा से अपने ग्राहकों को आनंदित करती है। साथ ही, यह उद्योगों को नए सिरे से ढालती है और संसार के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण ब्रांडों को हतोत्साहित भी करती है। यह पुस्तक बस यह बताने की कोशिश है कि यह सब कैसे हुआ। यह ऐमेज़ॉन के वर्तमान और पूर्व एक्ज़ीक्यूटिवों तथा कर्मचारियों के साथ हुई तीन सौ से ज़्यादा बातचीतों पर आधारित है। इसके अलावा, इतने वर्षों में बेज़ोस के साथ हुई मेरी बातचीतों का निचोड़ भी शामिल है, जो अंततः इस प्रोजेक्ट का समर्थन करने के लिए राज़ी हो गए, हालाँकि उनके हिसाब से ऐमेज़ॉन पर विचारशील निगाह डालने के लिहाज़ से यह “बहुत जल्दी” था। फिर भी उन्होंने अपने शीर्ष एक्ज़ीक्यूटिवों, अपने परिवार और अपने मित्रों के साथ कई बातचीतों की अनुमति दी, जिसके लिए मैं कृतज्ञ हूँ। इसके अलावा मैंने न्यूज़वीक, द न्यू यॉर्क टाइम्स और ब्लूमबर्ग बिज़नेसवीक के लिए कंपनी पर पंद्रह वर्षों की रिपोर्टिंग का भी लाभ लिया।
इस पुस्तक का लक्ष्य एक महान उद्यमी सफलता के पीछे की कहानी बताना है, जो दुर्लभ है। यह कहानी तब से आज तक नहीं देखी गई, जब सैम वॉल्टन अपने दो सीटों वाले टर्बोप्रॉप को अमेरिकी दक्षिण के पार उड़ाकर ले गए थे और उन्होंने वॉलमार्ट स्टोर्स के लिए अनुकूल जगहों को चुना था। इस कहानी में एक प्रतिभाशाली बच्चा बड़े होकर एक असाधारण रूप से प्रेरित और बहुमुखी सीईओ बन जाता है। इस कहानी में वह, उसके परिवार वाले और उसके सहकर्मी इंटरनेट नामक क्रांतिकारी नेटवर्क पर भारी दाँव लगाते हैं। और अंततः एक ऐसा स्टोर बनाने के विराट स्वप्न पर, जहाँ हर चीज़ बिकती है।
~ब्रैड स्टोन.
(‘जेफ़ बेज़ोस और ऐमेज़ॉन का युग’ the everything store का हिन्दी अनुवाद है। )