इन दिनों पढ़ें ये ख़ास किताबें

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इन दिनों कुछ नयी किताबें आयी हैं जो बेहद दिलचस्प हैं.
चेतन भगत की पुस्तक 'द गर्ल इन रुम 105' का हिन्दी अनुवाद प्रकाशक वैस्टलैंड ने पेश किया है। विज़डम ट्री ने पाओलो कोएलो की 'द स्पाय' को हिन्दी में लाकर उनके प्रशंसकों को एक शानदार तोहफे से नवाज़ा है। हिन्द युग्म ने अंजू कपूर की 'मर्तबान' और नियोगी बुक्स ने एम.एफ. हुसेन की पुस्तक प्रकाशित की हैं। एवरेस्ट के रोमांचकारी मिशन पर प्रभात प्रकाशन की पुस्तक 'मिशन एवरेस्ट 1965' इन दिनों अपनी अलमारी में रखी जा सकती है।

पढ़ें इन पांच ख़ास किताबों के बारे में -

the girl in room 105 hindi book

द गर्ल इन रुम 105
चेतन भगत की यह किताब अंग्रेज़ी में आते ही बेस्टसैलर हो गयी। यह कहना बिल्कुल सही है कि चेतन जो भी किताब लिखते हैं उसे हाथों-हाथ पाठकों द्वारा खरीद लिया जाता है। अपने पहले उपन्यास से ही वे युवाओं के सुपरस्टार की तरह हो चुके हैं।

इसके कई कारण हो सकते हैं। पहला यह कि वे युवाओं की भाषा में बात करते हैं। उनकी कहानियां-किस्से युवाओं की ज़िन्दगी में झांकते हुए आगे बढ़ते हैं। यह किसी से छिपा नहीं कि उनके पात्र आज के ज़माने की रोचक यात्रा के संगी हैं, जिसका आनन्द पाठक भी उसी तन्मयता के साथ लेता है। दूसरा कारण है चेतन भगत की प्रेम कहानियों की जबरदस्त बुनाई। वे घटनाओं के महीन धागों को इस तरह पिरोने में हर बार कामयाब होते हैं कि उसका परिणाम सुन्दर रंगों की तरह जगमगा जाता है। पाठक को यही तो चाहिए। 'द गर्ल इन रुम 105' की कहानी भी बेहद रोचक है जो हमें बीच-बीच में हैरान करती है।

लेखक : चेतन भगत
अनुवाद : सुशोभित सक्तावत
प्रकाशक : वेस्टलैंड बुक्स
पृष्ठ : 320
किताब का लिंक : https://amzn.to/2UIasNL

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द स्पाय
उसका बस यही अपराध था, वो एक स्वतंत्र नारी बनना चाहती थी। जब माता हारी पेरिस पहुँची तब उसके पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी। चंद ही महीनों में वो शहर की सबसे विख्यात महिला बन गई। नर्तकी के रूप में उसने दर्शकों को स्तंभित और आनंदित किया। एक गणिका के रूप में उसने उस दौर के सबसे अमीर और प्रभावशाली पुरुषों को मोहित किया। मगर जब युद्ध की आशंका ने एक देश को भयाक्रांत कर दिया तब माता हारी की जीवन शैली ने ही उसे संदेह के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया। सन् 1917 में शैमप्स-ऐलिसी स्थित उसके होटल के कमरे से जासूसी के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। माता हारी द्वारा लिखे आखिरी पत्र के माध्यम से उसकी जबानी बयान की गई। ‘द स्पाय’ उस औरत की अविस्मरणीय कहानी है जिसने न केवल परिपाटी को चुनौती देने का साहस किया बल्कि उसकी चरम कीमत भी अदा की।

लेखक : पाओलो कोएलो
अनुवाद : दिनेश शर्मा
प्रकाशक : विज़डम ट्री
किताब का लिंक : https://amzn.to/2HAIboK

martban hindi book by anju kapoor

मर्तबान
ज़िन्दगी एक अचार के 'मर्तबान' की तरह खुद में बहुत कुछ समेट-सहेज के रखती है। 'मर्तबान' आईना है उन सभी बातों का जिसे वर्षों की जीवन-यात्रा में देखा और भोगा गया। जिसमें कोई भी झाँकेगा तो संभवतः उसे अपनी भी झलक मिले... उसकी अपनी दुनिया की झलक। ये कविताएँ कोरस की तरह गूँजती हैं। ध्यान से सुनने पर शायद आपको अपनी आवाज भी सुनाई दे। यह उस कला को सीखने की यात्रा थी जहाँ भावनाओं को प्रतीकों के रूप में कविता के शिल्प में व्यक्त किया जाता है।

रचनाकार : अंजू कपूर
प्रकाशक : हिन्द युग्म
किताब का लिंक : https://amzn.to/2HF8F8I

mf husain book in hindi

एम.एम. हुसेन : कला का कर्मयोगी
कबूल फिदा हुसेन से जुड़े अनगिनत खयाल और किस्से उन लोगों के जहन में हैं, जो किंवदंती बन चुके इस कलाकार की शख्सियत से वाकिफ हैं। माहिर चित्रकार, रंगीन व्यक्तित्व, अलग किस्म के फिल्मकार, नंगे पांवों चलने वाले चित्रकार, प्रेरणा देने वाली महिलाओं के बड़े कद्रदान - ये थे हुसेन! वे उन लोगों के लिए भी एक पहेली थे, जो उन्हें अच्छी तरह जानते थे। इसमें कोई संदेह नहीं कि हुसेन दुनिया के महानतम चित्रकारों में एक हैं। उनकी कला को समझने की कोशिश में कई किताबें लिखी गयी हैं, मगर इस किताब में अलग नजरिया है। इसमें हुसेन के अनेक आयामों और उनके चित्रकार के पीछे के शख्स को सामने लाने की कोशिश की गयी है। एम.एफ. हुसेन दरअसल रंक से राजा बनने की एक प्रेरक कथा है। वे हमेशा सच्चे कलाकार रहे। होर्डिंग बनाने, फर्नीचर डिजाइन करने, फिल्में बनाने या खाना बनाने में भी उनका हुनर साफ नजर आता था। रचनात्मक अभिव्यक्ति मकबूल के चित्रों में ही नहीं, बल्कि खुद को बड़ा दर्जा देने वाले स्थानों और लोगों के प्रति प्रेम में भी नजर आती थी। उनके चित्रों, रुचियों, निजी जीवन और दुखों पर रोशनी डालने वाली अनेक घटनाएं हैं। इस किताब में उनके जीवन के इन्हीं किस्सों के जरिये इस बहुआयामी कलाकार के व्यक्तित्व पर रोशनी डालने की कोशिश की गई है।

लेखक : प्रदीप चन्द्र
अनुवाद : भूवेन्द्र त्यागी
प्रकाशक : नियोगी बुक्स
पृष्ठ : 164
किताब का लिंक : https://amzn.to/2Fke4An

mission everest 1965 hindi book

मिशन एवरेस्ट 1965
पचास साल पहले, 1965 में अपने दस सहयोगियों के साथ पाँच दिलेरों ने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ पर चार बार भारतीय तिरंगा फहराया, जिसने भारत के एक बहुत बड़े वर्ग को प्रेरित किया और भारत में कारनामों तथा पर्वतारोहण की संभावनाओं के द्वार खोल दिए। इस देशव्यापी उत्साह के माहौल में कार्यकारी प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा ने रक्षा मंत्री वाई.बी. चव्हाण के साथ पालम एयरपोर्ट पर जाँबाज पर्वतारोहियों के ऐतिहासिक स्वागत समारोह की अगुवाई की और दल के नेता को संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करने का न्योता दिया। लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उस दल का स्वागत अपने-अपने राज्यों की राजधानी में किया। यह भारतीय पर्वतारोहण की युगांतकारी और सुप्रसिद्ध ‘एवरेस्ट विजय’ की घटना है, जो सदा-सर्वदा लाखों लोगों को ऐसे दुर्गम कार्य करने की प्रेरणा और शक्ति देती रहेगी। एवरेस्ट के इतिहास में पहली बार किसी चोटी तक पहुँचने का प्रयास सही मौसम में इतनी जल्दी शुरू कर दिया गया था। इस कारण ही टीम मात्र 85 दिनों में अपने लक्ष्य तक पहुँच गई और 25 मई, 1965 की सुबह भारतीय तिरंगा शिखर पर लहरा रहा था। यह निर्भीकता, साहस, अदम्य इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने की भावना को बल देनेवाली प्रेरणाप्रद पठनीय पुस्तक है।

लेखक : कैप्टन एम.एस. कोहली
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
पृष्ठ : 280
किताब का लिंक : https://amzn.to/2Y4qzaz