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ये किताबें पाठकों के लिए बहुत खास हैं, और अलग अहसास करायेंगी. |
विश्वामित्र
विनीत अग्रवाल की यह किताब हमें एक ऐसे व्यक्तित्व से मिलाती है जिसने देवताओं से लोहा लिया। विश्वामित्र साहसी, हठी, अहंकारी थे मगर उनकी भावुकता उन्हें दूसरों से अलग करती है। यह कहानी उस क्षत्रिय की है जिसने ब्रह्मर्षि की उपाधि प्राप्त की। वसिष्ठ से विश्वामित्र को सबसे अधिक घृणा थी लेकिन उन्हें अपने जीवन की सर्वाधिक प्रिय उपाधि उसी व्यक्ति से मिली। यह किताब आखिर में एक बहुत सुन्दर सन्देश देती है कि जब तक ईर्ष्या का भाव मनुष्य में रहता है, वह अनगिनत दुर्गुणों से ग्रस्त रहता है। मन पर विजय करना संसार पर विजय करने के समान है।
क्लिक कर पढ़ें विश्वामित्र के बारे में -
देवताओं को चुनौती देने वाले नायक की कहानी -‘विश्वामित्र’
'विश्वामित्र जन्म से राजकुमार थे और अपने प्रयासों से ब्रह्मर्षि बने'
लेखक : डॉ. विनीत अग्रवाल
अनुवाद : आशुतोष गर्ग
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ : 240
ISBN :9780143429838
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प्रतिदिन आयुर्वेद
आयुर्वेदिक जीवन-शैली के माध्यम से डॉ. भास्वती भट्टाचार्य आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों का वर्णन करती हैं, और हमें बताती हैं कि इन्हें किस तरह से अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए। वे जिन परिवर्तनों का सुझाव देती हैं, उनके तर्क और लाभ भी हमें समझती हैं। यह सूचनाप्रद और सुलभ पुस्तक एक आदर्श जीवन-शैली की संपूर्ण मार्गदर्शिका हैं, जिसे प्राकृतिक तरीके से स्वास्थ्य, आयु और आनंद को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।
इस किताब के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें -
'भास्वती आयुर्वेद को प्राचीन ज्ञान से निकालकर आधुनिक युग में ले आई हैं'
लेखिका: डॉ. भास्वती भट्टाचार्य
प्रकाशक: मंजुल पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ: 326
ISBN : 9780143429869
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देवलोक -3
देवदत्त पट्टनायक की यह किताब रामायण के विविध संस्करणों के बारे में विस्तार से चर्चा करती है। बौद्ध धर्म व जैन धर्म के बारे में सूचनापरक प्रसंगों के साथ उनका आकर्षक इतिहास भी यहां पढ़ने को मिलता है। देवदत्त ने इस पुस्तक में हिन्दू धर्म के अनेक रीति-रिवाज़ों के पीछे की रोचक कहानियों का वर्णन किया है। यह किताब पन्द्रह से ज्यादा सूचनाप्रद तथा प्रेरक प्रसंगों के साथ शिक्षा व मनोरंजन का अद्भुत मेल है जिसे बहुत ही सरल और सहज तरीके से देवदत्त पट्टनायक ने बताया है।
लेखक : देवदत्त पट्टनायक
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
पृष्ठ : 174
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
ISBN : 978-0143445517
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हिन्दू होने का अर्थ
एक अरब अनुयायी, 33 करोड़ देवी-देवता और संसार के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक हिन्दू धर्म का आस्थाओं और रीति-रिवाज़ों का एक चिरन्तन मार्ग है जो तीर्थयात्रियों के पदचिन्हों और अध्यात्मज्ञानियों की शिक्षाओं के माध्यम से, मिथक, विज्ञान और राजनीति के ज़रिए अनेक सहत्राब्दियों से बना हुआ है. लेकिन आज के आधुनिक हिन्दू के लिए इस सबका क्या अर्थ है? जो लोग इस धर्म के अनुसरण का उपदेश देते हैं, यह धर्म उनसे किस तरह बर्ताव करता है? धर्मों के इर्दगिर्द जारी कोलाहलपूर्ण बहस से दूर, यह एक आम हिन्दू की यात्रा है. यह इस बात को समझने की एक कोशिश है कि क्या वजह है कि बहुत सारे हिन्दुओं के लिए उनकी यह आस्था बहुलता के पक्ष में, विविधता में एकता के पक्ष में और ईश्वर कि सर्वव्यापी शक्ति से ज़्यादा मनुष्य के सहस और दृढ़ विश्वास का एक सबसे शक्तिशाली तर्क है. हिन्दू होने का अर्थ हिंदुत्व का एक अभूतपूर्व ढंग से किया गया अन्वेषण है. हिन्डोल सेनगुप्ता फॉर्च्यून पत्रिका के भारतीय संस्करण के संपादक हैं.
लेखक : हिन्डोल सेनगुप्ता
पृष्ठ : 182
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
ISBN : 9789388241403
ऐतबार
डॉ. अंजुम बाराबंकवी बुनियादी तौर पर ग़ज़ल के शायर हैं. उनकी ग़ज़लों मैं सागर को गागर मैं सामने का फ़न है और सूफ़ियत भी. वे इतिहास और वर्तमान को तुलनात्मक दृष्टि से देखते हैं, साथ ही वे परिवर्तन के पक्षधर भी हैं, और यथास्थिति के विरुद्ध आक्रोश उनकी लिखावट मैं स्पष्ट महसूस किया जा सकता है. अंजुम यथार्त की भावभूमि पर खड़ा हुआ कल्पनाओं के तार बुनने वाला बाँका शायर है. उनकी अवलोकन और निरीक्षण की क्षमता अदभुत है. इनकी रचनाओं में अवध की तहज़ीबों की झलक भी मिलती है और ज़िन्दगी के सभी रंगों का रास भी.
रचनाकार : डॉ. अंजुम बाराबंकवी
पृष्ठ : 120
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
ISBN : 978-9388241021
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अच्छे माता-पिता कैसे बनें
अगर आप भी अपने घर को धरती का स्वर्ग बनाना चाहते हैं, तो दादा वासवानी जी आपको इसके लिए राह दिखा रहे हैं. यह पुस्तक प्रेम, धैर्य, उचित मार्गदर्शन, तथा स्नेहिल अनुशासन को ऐसी योग्यताओं के रूप में प्रकट करती है जिन्हें माता-पिता को अपने भीतर विकसित करना चाहिए ताकि वे अपने बच्चों का यथासंभव बेहतर पालन-पोषण कर सकें. वे कहते हैं कि आपके बच्चे ही आपकी असली संपदा और खज़ाना हैं. वे हमें मूल्यों और आदर्शों के अनुसार बच्चों को पालने का उचित तरीका सीखा रहे हैं, जो बच्चों को अच्छा इंसान बनाने में सहायक होगा और वे ज़िम्मेदार नागरिकों के रूप में जीवन जी सकेंगे.
लेखक : जे.पी. वासवानी
पृष्ठ : 138
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
ISBN : 978-9388241007
हार्वर्ड और वॉर्टन जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज भी पुराने प्रोग्राम पढ़ते हैं, जहाँ आप पॉवरपॉइंट प्रेज़ेंटेशन तथा अनावश्यक वित्तीय मॉडल बनाने के बारे में ज़्यादा सीखते हैं और असली ज़िन्दगी में व्यवसाय चलाने के लिए ज़रूरी बातें काम सीखते हैं. अगर आप बिज़नेस स्कूल नहीं जाते हैं और इस पुस्तक में बताई गयी बातों पर अमल करते हैं, तो आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं और आपकी एक बड़ी धनराशि भी बच सकती है. जॉश कॉफ़मैन ने बिज़नेस स्कूलों के विकल्प के रूप में पर्सनल एमबीए बनाया. उनकी वेबसाइट ने लाखों पाठकों को सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक अवधारणाओं की जानकारी दी है. अब कॉफ़मैन सारी अनिवार्य तथा बुनियादी बातें इस पुस्तक में प्रस्तुत कर रहे हैं. बिज़नेस स्कूल सच्चे लीडर नहीं बनाते हैं - बल्कि लोग तो आवश्यक ज्ञान, योग्यताओं और अनुभव की तलाश करके ख़ुद को लीडर बनाते हैं. इस पुस्तक को पढ़ें और अपनी शर्तों पर ख़ुद के व्यवसाय में सफल हों.
लेखक : जॉश कॉफ़मैन
पृष्ठ : 404
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
ISBN : 978-9388241113
अपने जीवन को महान बनाएँ
इस पुस्तक में आप डेल कारनेगी के बताए सिद्धांत सीखेंगे जिन्हें लाखों लोगों ने आज़माया है, ताकि आप यह जान सकें कि आपके जीवन में जो परिस्थितियाँ आती हैं, उनका सामना करते वक़्त कैसा रुख़ अपनाया जाए. आप सीखेंगे कि अपनी शक्तियों व कमज़ोरियों का पता कैसे लगाएँ और इसके बाद उन शक्तियों को कैसे बढ़ाएँ व कमज़ोरियों से कैसे उबरें.ये ऐसे लोगों के अनुभव का निचोड़ हैं जिन्होंने उन्हें लागू किया और अपने जीवन को औसत से संतुष्टिदायक, सार्थक व रोमांचक जीवन में बदल दिया.
लेखक : डेल कारनेगी
पृष्ठ : 196
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
ISBN : 978-9387383968