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माइक्रोसॉफ्ट के मर्म की तलाश में एक यात्रा, सबके लिए बेहतर भविष्य की कल्पना करते हुए. |
‘हिट रिफ्रेश’ पुस्तक के लेखक सत्य नडेला हैं। यह इसी नाम से अंग्रेजी में आयी उनकी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद है। प्रभात रंजन ने अनुवाद किया है और किताब का प्रकाशन हार्पर कॉलिंस ने किया है।
सत्य नडेला ने संवेदनाओं पर एक दार्शनिक की तरह चर्चा करने की कोशिश की है। वे कहते हैं कि विचार जोश भरते हैं, संवेदना उन्हें संतुलित करती है। उनका मानना है कि नई उर्जा और नए विचारों की खोज में और अपने आप को निरंतर प्रासंगिक बनाये रखने के लिए उन्हें ‘रिफ्रेश’ बटन दबाते रहना चाहिए।
हिन्दुस्तान में जन्म एक बालक अमेरिका गया, वहाँ उसने लंबा सफर तय किया। उसने ज़िन्दगी के सबक सीखे और हर चीज़ को महत्व दिया। माइक्रोसॉफ्ट में काम करने के बाद एक दिन वह उसका सीइओ भी बन गया। सत्य नडेला ने अपने खुले, भावनाओं से भरे और भविष्य को लेकर उन्नत विचारों के बल पर कम्पनी में नयी इबारत लिखी, वहीं माइक्रोसॉफ्ट के जरिए उन्होंने तकनीक के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किए।
सत्य नडेला कहते हैं -‘यह किताब बदलाव के बारे में है -वह जो आज मेरे भीतर हो रहा है और हमारी कम्पनी के भीतर हो रहा है, जिसके पीछे की संचालक शक्ति संवेदना है और दूसरों को सशक्त बनाने की इच्छा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सामान्य जीवन में आ रहे बदलाव को ले कर है क्योंकि हम तकनीक का सबसे बदलाव भरा रुप देख रहे हैं।’
नडेला ने तीन तरह के बदलावों को इस पुस्तक में दर्ज किया है। वह अपने बदलाव की कहानी और अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट के बदलाव की कहानी के बारे में विस्तार से बात करते हैं। दूसरा है, माइक्रोसॉफ्ट के मर्म की तलाश के विषय में। तीसरा औद्योगिक क्रान्ति के विषय में जिसमें मशीन की बुद्धि इंसान का मुकाबला करेगी।
किताब बहुत-से ऐसे विषय उठाती है जिनपर चर्चा अभी उस लिहाज से विस्तारपूर्ण तरीके से नहीं हो रही है। मसलन, मनुष्य और मशीन का भविष्य। यह विषय पेचीदा है और इसे होना भी चाहिए। भविष्य में होने वाले तकनीकी विकास से जोड़-तोड़ होगी, टूट-फूट होगी और इंसानी ज़िन्दगी बदल जाएगी। यह विश्वास की नींव पर किस हद तक टिका होगा यह कहा नहीं जा सकता। इससे इंसानी ज़िन्दगी में बदलाव किस तरह के होंगे, इसपर बहस जारी है। ए.आई. यानी आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस भावनाओं की कद्र किस तरह करता है, इसपर काम जारी है।
सत्य नडेला कहते हैं कि हम ऐसी बुद्धिमत्ता का निर्माण करना चाहते हैं जो मानवीय क्षमताओं और उनके अनुभवों में वृद्धि करे। बजाय इंसान बनाम मशीन के अर्थ में सोचने के हम इसके ऊपर ध्यान लगाना चाहते हैं कि इंसानों को रचनात्मकता, संवेदना, भावना, शारीरिकता और अन्तर्दृष्टि के रुप में जो उपहार मिले हैं उनका शक्तिशाली ए.आई. कम्प्यूटेशन के साथ मिलाया जा सकता है।
तकनीक हम पर हावी होती जा रही है। यह जहां जीवन बदल रही है, प्रगति के रास्ते खोल रही है, वहीं भविष्य के लिए कुछ गंभीर चुनौतियां भी पैदा करने की ओर बढ़ रही है।
सत्य नडेला कहते हैं -‘विचार मुझे जोश से भर देते हैं। और संवेदना मुझे संतुलित बनाए रखती है।’
"हिट रिफ़्रेश"
लेखक : सत्य नडेला
अनुवाद : प्रभात रंजन
प्रकाशक : हार्पर कॉलिंस
पृष्ठ : 261
लेखक : सत्य नडेला
अनुवाद : प्रभात रंजन
प्रकाशक : हार्पर कॉलिंस
पृष्ठ : 261