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एक के बाद एक रोमांचक घटनाओं से पाठक जुड़ा हुआ महसूस करता है. |
इसके बाद वह जा चुका था।
अब जबकि जैक सॉनिये अकेला रह गया, उसने एक बार फिर अपनी निगाहें लोके के द्वार की ओर मोड़ीं। वह अन्दर बन्द होकर रह गया था, और दरवाज़ा अभी कम से कम बीस मिनिट तक खुलने वाला नहीं था। जब तक कोई आकर उसको देखेगा तब तक वह मर चुका होगा। इसके बावजूद जिस भय ने उसको इस वक्त जकड़ रखा था वह उसकी मौत के भय से कहीं ज्यादा बड़ा था।
मुझे यह रहस्य किसी को सौंपना ही होगा।
अपने पैंरों पर लड़खड़ाते हुए उसने अपने तीनों बन्धुओं की मौत की कल्पना की। उसने अपने से पहले ही पीढ़ियों के बारे में सोचा...उस जिम्मेदारी के बारे में सोचा जो उनको सौंपी गई थी।
ज्ञान की एक अटूट शृंखला।’
दुनिया के सबसे चर्चित और रोचकता से लिखने वाले लेखक डैन ब्राउन की पुस्तक ‘द विंची कोड’ का एक हिस्सा ही पाठकों को जोश से भरने और ढेर सारे सवालों से रूबरू करने के लिए काफी है। यह घटना किताब के शुरुआती पन्नों में बहुत शानदार तरीके से दर्ज है।
पेरिस के लुव्र संग्रहालय की गैंड गैलरी के निरीक्षक जैक सॉनिये की निर्मम हत्या हो जाती है। उसकी मौत के बाद कुछ ऐसे रहस्यों को उजागर करने की जिम्मेदारी हार्वर्ड के प्रोफेसर रॉबर्ट लैंग्डन पर आ जाती है। दरअसल निरीक्षक कुछ ऐसे कूट शब्द छोड़ जाता है, जिन्हें समझना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता था, मगर रॉबर्ट और सोफी नेवू ने मिलकर उसे हल करने की तैयारी कर ली थी। सोफी नेवू फ्रांसीसी कूट-लेखन विशेषज्ञ है।
डैन ब्राउन ने कहानी को इस तरह से बुना है कि वह बहुत पेचीदा तरीके से चलती है। जब किसी चीज़ की शुरुआत में इस तरह की पेचीदगी हो तो पाठकों को उसमें उत्सुकता होना मुमकिन है। वे अपनी आंखों और दिमाग को खुला रखकर हर घटना पर नज़र बनाए रहते हैं। वे हर पन्ने को बहुत ध्यान से इसलिए पढ़ते कि आगे क्या होगा। उनके दिमाग में सवालों का एक दौर चल रहा होता है, और हर घटना में वे उन प्रश्नों के सवाल खोजने की इच्छा रखते हैं।
किताब में दिलचस्प छानबीन चलती है जिसे रॉबर्ट लैंग्डन और पुलिस अपने-अपने तरीके से सुलझाते हैं। उसी प्रकार से पाठक भी उन पहेलियों में अपनी हिस्सेदारी खोज लेता है। वह भी उन्हें सुलझाने की कोशिश करता है।
जब लैंग्डन और नेवू उन अजीबोगरीब पहेलियों की छानबीन करते हैं, तो उस सुराग को पाकर स्तब्ध रह जाते हैं जिसके सूत्र लियोनार्दो द विंची की कलाकृतियों से जुड़े हुए हैं, और जो युगों पुराने एक ऐसे रहस्य का जवाब देता है जो इतिहास के तहखाने में गहरे पसरा हुआ है।
अगर लैंग्डन और नेवू उस भूल-भुलैयानुमा कूट सन्देश को समझकर उस पहेली के बिखरे हुए टुकड़ों को जल्दी नहीं जोड़ लेते, तो इतिहास का एक विलक्षण सत्य हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएगा।
डैन ब्राउन की इस पुस्तक को दुनिया में बेतहाशा शोहरत मिली है। इसे विश्व के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले उपन्यासों में गिना जाता है। पुस्तक कई बरस पहले अंग्रेजी में आयी थी। खूब धमाल किया, और विवाद भी हुए। कुछ समुदायों को इससे नाराज़गी महसूस हुई। उन्होंने विरोध भी किया। लेकिन लेखक का दावा है कि उन्होंने तथ्यों के आधार पर इस उपन्यास की रचना की है। पुस्तक का इंतज़ार हिंदी पाठकों को लंबे समय से था। मंजुल प्रकाशन द्वारा शानदार अनुवाद हुआ और आते ही यह पुस्तक चर्चित हो गयी। यकीन मानिए ऐसी किताब आपने शायद ही कभी पढ़ी हो।
पुस्तक ‘द विंची कोड’ पहले पन्ने से ही रोचक हो जाती है। एक के बाद एक रोमांचक घटनाओं से पाठक जुड़ा हुआ महसूस करता है। पहेलियाँ उलझा जरूर देती हैं, मगर उनके करीब पहुँचकर थोड़ी राहत मिलती है, और हर मौके पर दिल की धड़कनें तेज़ भी हो जाती हैं। रहस्य जिसे दफन कर दिया गया था, उसकी खोज ही इस किताब की जान है। क्या है मशहूर लियोनार्दो द विंची की कलाकृतियों से जुड़ा वह सुराग? यह तो किताब पढ़कर ही पता चलेगा!
"द विंची कोड"
लेखक : डैन ब्राउन
अनुवाद : मदन सोनी
प्रकाशक : मंजुल प्रकाशन/पेंगुइन बुक्स
पृष्ठ : 534
लेखक : डैन ब्राउन
अनुवाद : मदन सोनी
प्रकाशक : मंजुल प्रकाशन/पेंगुइन बुक्स
पृष्ठ : 534