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ये क़िताबें अलग-अलग विषयों पर आधारित हैं. पाठकों के लिए यह ख़ास तोहफ़ा है. |
मुल्क
लेखक : अनुभव सिन्हा
पृष्ठ : 160
प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन
ISBN : 9789388183260
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राजकमल प्रकाशन ने साहित्य में एक अच्छा प्रयास किया है जिसकी तारीफ की जानी चाहिए। उन्होंने ताज़ा रिलीज़ फिल्म 'मुल्क’ की पटकथा को किताब की शक्ल दी है। फिल्मकार अनुभव सिन्हा द्वारा यह पटकथा लिखी गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजकमल प्रकाशन ने कम समय में यह उपलब्धि हासिल की है। किताब भी फिल्म के साथ ही बाज़ार में आ चुकी है। इस तरह के प्रयास हिन्दी साहित्य जगत में अच्छे बदलाव के संकेत हैं। पीयूष मिश्रा की दो नई किताबें -'तुम मेरी जान हो रज़िया’ और 'आरम्भ है प्रचंड’ राजकमल ने प्रकाशित की हैं।
रसराज पंडित जसराज
लेखिका : सुनीता बुद्धिराजा
प्रकाशक : वाणी प्रकाशन
पृष्ठ : 534
ISBN : 9789387889613
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वाणी प्रकाशन ने पंडित जसराज के जीवन पर आधारित एक खूबसूरत किताब प्रकाशित की है। सुनीता बुद्धिराजा पुस्तक की लेखिका हैं। जसराज जी की ज़िन्दगी के रोचक किस्से और उनके बारे में ऐसी बातें जो हमने आज तक सुनी नहीं, उनका जिक्र 'रसराज पंडित जसराज’ पुस्तक में पढ़ने को मिलेगा।
द विंची कोड
लेखक : डैन ब्राउन
प्रकाशक : मंजुल प्रकाशन-पेंगुइन रैंडम हाउस
अनुवाद : मदन सोनी
पृष्ठ : 534
ISBN : 9780143443001
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मंजुल प्रकाशन ने बैस्टसैलर लेखक डैन ब्राउन की किताब 'द विंची कोड’ का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित किया है। अनुवाद मदन सोनी का है। इस दिलचस्प किताब को इन दिनों पढ़ना सुखद अनुभव होगा। देवदत्त पट्टनायक की देवलोक सीरीज़ में तीसरी किताब 'देवलोक -3’ आ गई है। इस बार भी रचना भोला 'यामिनी’ ने शानदार अनुवाद किया है। 'विश्वामित्र’ पुस्तक को हिन्दी में भी मंजुल प्रकाशन ला रहा है। आशुतोष गर्ग ने किताब का अनुवाद किया है। तीनों किताबें पैंगुइन रैंडम हाउस के साथ प्रकाशित की जा रही हैं।
मौन मुस्कान की मार
लेखक : आशुतोष राणा
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
ISBN : 9789352669820
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प्रभात प्रकाशन फिल्मों से जुड़े आशुतोष राणा की पहली पुस्तक प्रकाशित कर रहा है। 'मौन मुस्कान की मार’ आशुतोष के चुटीले अंदाज़ से हमें प्रभावित करेगी। गिरमिटिया मजदूरों पर भी प्रभात प्रकाशन की पुस्तक 'भारतीय गिरमिटिया मजदूर और उनके वंशज’ पठनीय है। इसके लेखक दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव हैं। विजय सिंह की 'हॉकर से हाकिम’ प्रेरणादायक किताब है।