अनगिनत रंगों की बेहतरीन कहानियाँ

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'चुगलखोर दिल और अन्य कहानियाँ' दुनिया के जानेमाने लेखकों की श्रेष्ठ कहानियाँ संकलन है.
कहानियाँ ज़िन्दगी के शब्दों को जोड़कर बनती हैं। कहानियाँ ज़िन्दगी से जुड़कर चलती हैं; वे ज़िन्दगी का हिस्सा होती हैं। कई बार कुछ कहानियाँ ज़िन्दगी के ज्यादा करीब हो जाती हैं। शायद उन्हें कहने का अंदाज़ ही ऐसा हो, या लेखक ने उसे बारीकी से महसूस किया हो, या फिर ज़िन्दगी के हिस्से में तब ऐसे ही शब्द-भाव आये हों जिनसे कहानी सजीव हो उठी हो।

'चुगलखोर दिल और अन्य कहानियाँ' एक ऐसा संग्रह है जिसमें दुनिया के जानेमाने लेखकों की श्रेष्ठ कहानियाँ संकलित हैं। इन खूबसूरत कहानियों का संकलन एवं अनुवाद मदन सोनी ने किया है। मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने इस शानदार किताब का प्रकाशन किया है।

विश्व के प्रसिद्ध लेखकों की श्रेष्ठ कथाओं का खूबसूरत संकलन प्रकाशित किया है. इस संचयन में दस देशों की सात भाषाओँ की चौदह कहानियाँ संग्रहीत हैं जो संसार के कथा-परिदृश्य की समृद्धि की एक व्यापक झलक देती हैं. इसमें प्राचीन साहित्यकारों से लेकर बीसवीं सदी के आधुनिक कहानी के महान लेखकों की रचनायें शामिल हैं. इन कहानियों के माध्यम से पाठक जीवन-स्थितियों, मानवीय रिश्तों और भावनाओं की अनेक रंगतों के साथ-साथ प्रेम, अवसाद, ऊब, आत्म-बलिदान, करुणा, अपराध-बोध, पाखंड, छल-प्रपंच, कुटिलता और व्यथित मानवीय जीवन तथा क्रूर नियति की अटलता जैसी अनेक भावदशाओं और स्थितियों का अनुभव कर सकेंगे. यह संचयन पाठकों को कहानी की उन अनेक शैलियों से भी परिचित करायेगा जो आधुनिकतावादी कथा साहित्य में बहुप्रतिष्ठति और लोकप्रिय रही है.

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इस पुस्तक की विशेषता है इसमें संकलित अलग-अलग कहानियाँ। यह खास है क्योंकि अनगिनत रंग यहाँ मौजूद हैं। हर किसी की खासियत है, और उतना ही रोचक भी।

जब आप कहानियों को पढ़ना शुरू करते हैं तो मानो खो जाते हैं। ऐसा तब होता है जब सारा किस्सा आपकी आंखों के सामने चल रहा हो, यहाँ ऐसा ही है। इन्हें जीवंत शब्दों की रोचक कहानियाँ भी कहा जा सकता है।

पुस्तक के अनुवादक मदन सोनी कहते हैं कि सत्रहवीं सदी से लेकर आरंभिक बीसवीं सदी के प्रदीर्घ अंतराल को समेटने के नाते और कहानी की विधा को आविष्कृत-परिभाषित करने वाली कालजयी विभूतियों की उपस्थिति के नाते यह संचयन बेहतर बन पड़ा है।

इस संकलन में वाल्तेयर, एड्गर ऐलन पो, एमिल ज़ोला, गी दा मोपासौं, क्नुत हाम्सुन, अंतोन चेख़व, इडिथ वॉरटन, लुईजी पिरंडेल्लो, टॉमस मान, स्टीफ़न ज़्वाइग, जेम्स जाईस, फ्रांत्ज़ काफ़्का, अर्नेस्ट हेमिंग्वे और प्रेमचंद शामिल किए गये हैं। हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’ को सबसे आखिर में जगह दी गयी है। हालांकि उसका कोई खास कारण नजर नहीं आता लेकिन लगता है, अन्य कहानियां विदेशी लेखकों की हैं, इसलिए उन्हें पहले जगह दी गयी है। प्रेमचंद की कहानी उनके बाद में शामिल की गयी है। उनकी कहानी को किताब की आखिरी कहानी के रुप में पढ़कर किताब अधिक सुकून से समाप्त की जा सकती है।

संकलन की कहानियां पढ़ें :
फ़्रांत्ज़ काफ़्का की कहानी - 'विधि के समक्ष'
फ्रांस के लेखक गी दा मोपासौं की कहानी - 'एक पत्नी की स्वीकारोक्ति'

"चुगलखोर दिल और अन्य कहानियाँ"
अनुवाद एवं संकलन : मदन सोनी
प्रकाशक : मंजुल प्रकाशन
पृष्ठ : 258