भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह 2014 लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, उसे आसानी से भूला नहीं जा सकता है। उसके बाद भी पार्टी का विजय रथ थमा नहीं था। पार्टी ने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मणीपुर, असम, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश फतह किया। हालांकि बिहार जैसे राज्य में पार्टी ने पराजय का सामना किया और अधिक समय नहीं हुआ, पार्टी गठबंधन को पंजाब में शिकस्त मिली। प्रशांत झा की पुस्तक ‘How The BJP Wins’ में भाजपा की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गयी है। चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह की जोड़ी के बीच जिस तरह का सामंजस्य रहता है, उसपर लेखक ने बार-बार बताया है। यह पुस्तक बीजेपी की विजय गाथाओं को बेहद सरीले तरीके से बताती हुई चलती है।
पुस्तक में जातीय समीकरणों की बात की गयी है। खासकर उत्तर प्रदेश में जिस तरह की सूझबूझ का भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने परिचय दिया और उनकी रणनीति ने सफलता हासिल की, वह राजनीतिक तौर पर अहम है।
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 428 सीटों में 282 अपने नाम कीं। देश की सत्ता हासिल की और दो-तिहाई बहुमत लेकर इतिहास रचा। यह खास इसलिए है क्योंकि आजाद भारत के इतिहास में पहली किसी गैर-कांग्रेसी राजनीतिक दल ने बहुमत हासिल कर कुर्सी पर कब्जा किया। कांग्रेस को इससे बड़ा धक्का लगा जिससे उबरने में उसे शायद अभी वक्त लग सकता है।
इस पुस्तक में भाजपा का महिमामंडन नहीं किया गया है, मगर उसकी रणनीति को समझने की कोशिश की गयी है जिसके बल पर उसने भगवा रंग को बिखेरा. दूसरे राजनीतिक दल हालांकि इस पुस्तक से सबक ले सकते हैं और वे भी अपनी रणनीति पर काम कर सकते हैं, कि किस तरह भाजपा को काबू किया जा सके. यह किताब भाजपा के लिए लाभ या हानि की बात नहीं करती, बल्कि दूसरों के लिए उसकी अंदरुनी दुनिया के कुछ हिस्सों को जरुर सामने खींच कर लाती है.
आरएसएस के साथ किस तरह मिलकर भाजपा मिशन को कामयाब बनाती रही है, उसपर पुस्तक विस्तार से बताती चलती है। सरल भाषा में समझाने की कला में माहिर प्रशांत झा ने राजनीति के नये दांवपेच का जिक्र किया है।
खिलाड़ी पुराने या नये नहीं होते, खेल खेलने का तरीका बदलने से जीत और हार तय होती है। धर्म और जाति आधारित राजनीति को अपने तरीके से करने वाली बीजेपी, हर चुनाव से पूर्व गहन अध्ययन में विश्वास रखती है।
शायद मौजूदा समय में अमित शाह जैसा नेता दूसरे दलों के पास नहीं हैं। शाह और मोदी की जुगलबंदी से पार्टी मजबूती से टिकी हुई है। साथ में आरएसएस का भरोसा उसे शिखर पर बनाये हुए प्रतीत होता है।
इस किताब को जरुर पढ़ना चाहिए। इसे राजनीति से जुड़े लोग ही पढ़ें, यह सही नहीं होगा, बल्कि वे भी पढ़ें जो कुछ रोमांचक पढ़ना चाहते हैं। मजेदार यह है कि लेखक ने राजनीति जैसे विषय को बढ़िया ढंग से लिखा है। जिस तरह से प्रशांत ने कहानी न कहकर वास्तविक चीज़ों को हमारे सामने रखा है, उसके लिए उनकी तारीफ़ की जानी चाहिए। उन्होंने बहुत सहज तरीके से अपनी बात कही है जो पुस्तक को रोचक बनाती है। वे लंबे समय से जमीन पर काम करते रहे हैं। उन्हें राजनीति की अच्छी समझ है, यह उनके लिए स्पष्ट हो जायेगा जो उनसे उतने मुखातिब नहीं हैं। यह पुस्तक संभाल के रखने योग्य है। एक तरह से शानदार दस्तावेज़!
जल्द हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावों में भाजपा की रणनीति फिर से सफल हो पाती है या नहीं, यह वक्त बतायेगा लेकिन पार्टी अपने काम में जुटी है।
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'How The BJP Wins’
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'How The BJP Wins’
लेखक : प्रशांत झा
प्रकाशक : जगरनॉट बुक्स
पृष्ठ : 256
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