किचन क्लीनिक : खानपान के सहारे स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र

स्वस्थ रहने तथा जटिल बीमारियों से उपचार के बारे में सरल, स्पष्ट तथा दिलचस्प भाषा में समझाया है.

‘किचन क्लीनिक’ जैसाकि इस नाम से शार्मेन डिसूजा की लिखी पुस्तक की विषयवस्तु का परिचय हो जाता है। हमारी किचन में मौजूद दैनिक उपभोग की सामग्री हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए रामबाण सिद्ध हो सकती है। रैण्डम हाउस इंडिया द्वारा अंग्रेजी में लिखी पुस्तक 'Kitchen Clinic -Good Health Always with Charmaine' का यह हिन्दी अनुवाद है जिसे मंजुल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। नीलम भट्ट के अनुवाद में पुस्तक की मौलिकता बनी रही है।

किताब की प्रस्तावना में अभिनेत्री रानी मुखर्जी कहती हैं:‘साल के कम से कम 320 दिन घर का पका हुआ खाना खाएं, तो आप बिल्कुल चुस्त-दुरुस्त और सेहतमंद बने रह सकते हैं।’ शार्मेन की सलाह पर रानी बहुत सेहतमंद और ऊर्जावान महसूस करती हैं।

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लेखिका ने बेहद सादे तरीके से अपनी बात रखी है, वे लिखती हैं: ‘इलाज के लिए किसी चूर्ण का नुस्खा लिखते समय प्रार्थना भी करती हूं; अपने प्रति लोगों की आस्था देखकर मैं विनीत हो जाती हूं, मैं उससे अभिभूत हो जाती हूं और मुझे कभी-कभी उससे डर भी लगता है। उन्हें भरोसा होता है कि मैं उनकी मदद कर सकूंगी, हालांकि कई बार मेरे मन में संदेह रहता है। कई बार वे मुझे फोन करके बताते हैं कि उनके विशेषज्ञ ने उन्हें क्या सलाह दी है और वे जानना चाहते हैं कि वह ठीक है या नहीं, तब मुझे उन्हें याद दिलाना पड़ता है कि मैं उनकी आहार विज्ञानी और प्राकृतिक चिकित्सक हूं, न कि उनकी डॉक्टर।’

शार्मेन डिसूजा ने पुस्तक में जड़ी-बूटियों और उनसे स्वस्थ रहने तथा जटिल बीमारियों से उपचार के बारे में चार भागों में सिलसिलेवार बहुत ही सरल, स्पष्ट तथा दिलचस्प भाषा में समझाया है।

पहले भाग में जड़ी बूटियों को समझना, दूसरे भाग में आम रोगों की रोकथाम व इलाज में उनका उपयोग, तीसरे भाग में प्रमुख रोगों में जड़ी बूटियों का उपयोग और चौथा भाग किचन गार्डन बनायें, जैसे विषयों से संबंधित है।

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प्राकृतिक चिकित्सा के विषय में समझाते हुए शार्मेन डिसूजा ने उसके छह मूलभूत सिद्धांतों का जिक्र किया है। उन्होंने इस चिकित्सा पद्धति द्वारा आमतौर पर इलाज की जाने वाली बीमारियों को भी बताया है। थकान, पाचन संबंधी समस्यायें, उक्त रक्चाप, प्रजनन समस्यायें आदि का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से संभव है।

किताब में चित्र भी बनाये गये हैं ताकि पाठक संबंधित जड़ी-बूटी या उपचार की औषधि के बारे में आसानी से समझ सके।

हमारा स्वास्थ्य, सौन्दर्य तथा दीर्घायु बहुत कुछ खान-पान और उसके तरीकों पर निर्भर करते हैं। हमारे देश में विभिन्न जड़ी-बूटियां बीमारियों के उपचार में काम आती हैं, जिनपर हमारा अटूट भरोसा है। हमारे किचन में मौजूद सौंफ, अजवायन, इलायची, धनिया, काली मिर्च, जीरा, हल्दी, मेथी आदि मसाले तथा हरी सब्जियां पेट आदि में संक्रमण से लेकर ब्लड प्रेशर, बुखार, खांसी, चोट आदि दर्जनों बीमारियों का अचूक इलाज हैं। बशर्ते जरुरत पर उनके उपयोग की सटीक जानकारी हो।

घी के बारे में शार्मेन ने रोचक जानकारी साझा की है कि इसमें मौजूद एक तरह का एसिड बजन, विशेषकर पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है, जिससे कुछ खास किस्म के कैंसरों और हृदय के रोगों का खतरा कम हो जाता है। घी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत होती है। लेकिन ऐसा भी नहीं कहा गया है कि घी को आप बेफिक्र होकर खायें।

पुस्तक में गुड़ के फायदे भी गिनाये गये हैं। इसे गर्भावस्था के दौरान और मासिक धर्म से पहले लिया जाता है। यह मांसपेशियों को शिथिल करता है और रक्त परिसंचरण को दुरुस्त करने में सहायक है।

एक बात सबसे अच्छी है कि किचन क्लीनिक में रसोई में आसानी से उपलब्ध चीजों के बारे में उतनी ही सरल भाषा में समझाया गया है। हर मुख्य बात को बोल्ड अक्षरों में लिखा गया है ताकि पाठक उसपर गौर करे।

जल उपचार पर भी विस्तार से लिखा गया है। दिन के समय होने वाली थकान का एक बहुत बड़ा कारण पानी की कमी होती है। एक सारणी दी गयी है जिससे हम उपचारात्मक जल तैयार कर सकते हैं। इससे थकान, अवसाद, पेट की समस्यायें, जुकाम, बुखार, सिरदर्द, गैस आदि आसानी से दूर किये जा सकते हैं।

शार्मेन डिसूजा ने तेल से उपचार की विधियां बतायी हैं जो तैयार करना किसी के लिए भी चुटकियों का खेल हैं। लहसुन, मिर्च, अदरक, प्याज आदि का सिरका भी आसानी से बनाया जा सकता है जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

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बुखार क्यों होता है? जुकाम का इलाज कैसे हो? रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायी जाये? अवसाद कैसे दूर किया जाये? पेट के रोगों से निजात कैसे पायें? बवासीर की रोकथाम के उपाय क्या हैं? कील-मुहांसे दूर करने के आसान तरीके कौन से हैं? जैसे तमाम रोगों के विषय में यह पुस्तक आपकी समझ को दुरुस्त करेगी और आपको वह सब ज्ञान देगी जिसे आप जानना चाहते हैं। किचन क्लीनिक एक गाइड है जो हर घर में होनी चाहिए क्योंकि यह आपकी सेहत से जुड़ी हर बात समझाती है।

शार्मेन की किचन क्लीनिक वास्तव में ऐसी पुस्तक है जो हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए सुलभ और सस्ता तरीका उपलब्ध कराती है।

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'किचन क्लीनिक’
लेखिका : शार्मेन डिसूजा
अनुवाद : नीलम भट्ट
प्रकाशक : मंजुल प्रकाशन/रैण्डम हाउस
पृष्ठ : 272
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