कुछ कहानियां बहुत अलग तरह से आपके दिमाग में बैठ जाती हैं। लेखिका टशन मेहता ने अपने पहले उपन्यास ‘द लायर्स वीव’ में ऐसी दुनिया रच डाली जिसमें कई राज छिपे हैं। उन्होंने अपने विचारों को सैर करने के लिए खुला छोड़ दिया ताकि वे साफ़ आसमान में विचरण कर सकें।
एक पारसी लड़का ज़हन मर्चेंट बिना भविष्य के पैदा हुआ है। यह लौकिक गलती उसे एक असामान्य शक्ति देती है। वह वास्तविकता को अपने झूठ से बदलने की अजीबोगरीब ताकत रखता है। वह खुद से संघर्ष करता हुआ भी मालूम पड़ता है। उसने ऐसी दुनिया को समझ लिया है जहां बहुत कुछ हैरान करता है।
उसका भाई सोराब भी कहानी का मजेदार हिस्सा है। वह अपने भाई के सभी राज़ सुरक्षित रखता है। वहीं नारायण ताराचंद नामक भविष्यवक्ता का पात्र रोचक है।
कहानी रहस्यमय होती जाती है। सलमान रुश्दी की किताब 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' सा असर जरूर होता है, ऐसी बहुत चर्चा की गई है। हालांकि टशन मेहता ने कहानी को अपने अंदाज़ में बुना है, लेकिन जो माहौल उन्होंने बनाया है, वह रोमांचक सैर करने जैसा है। यदि आप बहुत समय से ऐसे किसी सफर पर नहीं गए तो यह किताब आपके लिए है।
किताब में एक जगह लिखा है :
‘हमारे पास संभावनाओं का एक अनंत समूह है और विरोधाभासी परिणाम हैं. एक अकेली जन्म कुंडली में रेखाएं कभी समझ में आती हैं कभी नहीं. जन्म कुंडली में व्याख्याएं एक-दूसरे को समाप्त देती हैं.‘
इस किताब का कवर देखकर भी उस रहस्य से भरी कहानी को पढ़ने की भरपूर जिज्ञासा होती है जो भीतर पन्नों में सिमटी है। टशन का यह उपन्यास भारतीय परंपरा और कल्पना का सही मिश्रण है। यहां 20वीं सदी के भारत की बात की गयी है जहां हमारा परिचय वास्तविकता, रहस्य तथा हैरान करने वाली परिस्थितियों से होता है।
कहानी में आप खो से जाते हैं जो आपको एक तरह से नए बहाव में ले जाता है। एक पन्ने के बाद ही लेखिका के शब्द बुनने के कलात्मक तरीके से पाठक प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। इसका सीधा असर ये होता है कि कई अध्याय पढ़ने का मन करता है। शायद हम किताब भी जल्दी निपटाने में जुट जाते हैं क्योंकि हर पन्ना उत्सुकता बढ़ता जाता है। किताबों के साथ एक अच्छी बात यह है कि यदि वे बेहतरी के साथ लिखी जायें तो उत्सुक करती हैं और हमें अलग तरह के पलों में ले जाती हैं जो बेहद सुकून भरे और संतुष्ट करने वाले होते हैं।
टशन मेहता ने ऐसे विषय को चुना है जिसपर इस तरह पहले कभी नहीं लिखा गया। भविष्य-वर्तमान और अच्छाई-बुराई को उन्होंने एक मायावी संसार में गूंथकर नए साहित्य को जन्म दिया है जो भारतीय परिप्रेक्ष्य में शानदार उपलब्धि है।
'द लायर्स वीव'
लेखिका : टशन मेहताप्रकाशक : जगरनॉट बुक्स
पृष्ठ : 344
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