ट्विंकल खन्ना को इससे पहले केवल उनके कॉलम में ही पढ़ा था। उनकी कुछ फ़िल्में भी देखीं। लेकिन किसी फिल्म कलाकार की पहली किताब बेहतर होगी यह नहीं सोचा था। ट्विंकल ने वाकई हर चीज़ को बारीकी से बुनने की कोशिश की है जो आमतौर पर होती रहती है।
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मिसेज फनीबोन्स अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना की पहली पुस्तक है. |
ट्विंकल खन्ना ने खाने पर काफी फोकस किया है। एक जगह वे लिखती हैं:
’मुझे खाना पकाना नहीं आता है। पर मेरा उसूल यह है कि मैं अपने ससुरालियों को कभी अपनी कमी जाहिर नहीं होने दूंगी। इसलिए मैंने नेचर्स बास्केट को कॉल कर उनसे ऐसे सीख-कबाब और समोसे मंगवा लिए हैं, जिन्हें पकाने के लिए खौलते तेल में सिर्फ तीन मिनट के लिए डालना पड़ता है। इससे समय भी बचता है और हर मिनट जो बचता है, उसका इस्तेमाल किसी जरुरी काम में हो सकता है। मसलन इस सप्ताह 14वीं बार वजन करनेवाली मशीन पर अपना वजन करना।’
‘मेरे पति एक शानदार और प्रतिभाशाली सुपुत्र भी हैं। सो उन्होंने अचानक रसाईघर पर धावा बोलकर उसे कब्जे में लिया। उन्होंने तय किया कि स्नैक्स हम खुद बनायेंगे। उन्हें अपने पिता से खाना पकाने के मामले में अच्छी-खासी ट्रेनिंग मिली है और किचन में वे काफी कुछ कर लेते हैं। शनिवार की सुबह नाश्ते में कई बार खुद शानदार फ्रेंच टोस्ट बनाते हैं। मुझे वाकई खाना पकाने की उनकी कला पर गर्व है।’
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मिसेज फनीबोन्स बहुत ही शानदार निरीक्षणों व हाजिरजवाबी से भरपूर पुस्तक है जो एक आधुनिक भारतीय महिला के जीवन को चित्रित करती है. |
मिसेज फनीबोन्स की चर्चा हर जगह हो रही है। हालांकि किताब में ‘करण जौहर का करवाचौथ’ शीर्षक से एक चैप्टर भी है, लेकिन करण जौहर के अनुसार,‘मुझे ट्विंकल खन्ना को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। चीजों को बारीकी से देखने और अपने पर ही हंसने की उनकी कला लाजवाब है। वे इस दशक की खोज हैं।’
हफिंगटन पोस्ट ने लिखा,‘वे बहुत ही हल्के-फुल्के अंदाज में गंभीर विषयों को संबोधित करती हैं और ऐसा नहीं लगता कि हम किसी उपदेश देने वाली शहीद को सुन रहे हैं।’
किताब का बैक-कवर कहता है:
‘मिसेज फनीबोन्स बहुत ही शानदार निरीक्षणों व हाजिरजवाबी से भरपूर पुस्तक है जो एक आधुनिक भारतीय महिला के जीवन को चित्रित करती है। एक ऐसी महिला जो सारा दिन अपना काम करने के बाद शाम को रात्रिभोज की तैयारी करती है। जो अपना जीवन चलाने के साथा-साथा मम्मीजी की भी सुनती है जो उसके वजन और देश के हालात को लेकर चिंतित रहती हैं। ट्विंकल खन्ना के सुपरहिट स्तंभ ‘मिसेज फनीबोन्स’ पर आधारित यह पुस्तक है। वे मौलिक विचार तथा सोच रखनेवाली इस समय की सबसे मजेदार शख्सियतों में से एक हैं।’
ऐसा भी नहीं है कि ट्विंकल खन्ना की लाइफ आम आदमी की जिंदगी से जुदा है, मगर काफी कुछ मेल खाता है। वैसे एक बात है कि यदि आप बहुत समय से हंसे नहीं हैं, तो इस किताब को जरुर पढ़ें। शर्त है कि आप एक चैप्टर ख़त्म के साथ दूसरा जरुर पढ़ेंगे। इसे पढ़ें तो एहसास होगा कि लाइफ बहुत फनी है। उसे फनी बनाने के लिए सिचुएशन कहीं से लानी नहीं पड़तीं। यह सब रोज होता है। ट्विंकल ने उन्हीं अनुभवों को यहां जोड़ा है।
मिसेज फनीबोन्स का हिंदी अनुवाद रचना भोला 'यामिनी' ने किया है।
ट्विंकल खन्ना की दूसरी किताब के बारे में अधिक जानने के लिए क्लिक करें :
The Legend of Lakshmi Prasad by Twinkle Khanna
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